कोरोना संक्रमण के ख़तरे के बीच कांग्रेस ने कर्नाटक में आज अपनी पदयात्रा बीच में ही रोकने की घोषणा तब की जब अब तक कम से कम पांच नेता कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच कांग्रेस की पदयात्रा को लेकर चौतरफा आलोचना की जा रही थी।
राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच नियमों के उल्लंघन का मामला भी प्रमुखता से उठाया जा रहा था। इसी कारण इस 10 दिवसीय पदयात्रा पर विवाद हो रहा था। इस यात्रा के पांचवें दिन कोरोना नियमों के उल्लंघन को लेकर 60 से अधिक कांग्रेस नेताओं के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई। कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर अदालत में भी याचिका लगाई गई थी।
पदयात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ उमड़ रही थी और इससे कोरोना फैलने का ख़तरा बना रहा था। भारी भीड़ की तसवीरें कोरोना के ख़तरे की भयावहता को दिखा रही थीं। कर्नाटक में कल शाम एक दिन में 21,000 से अधिक मामले आए हैं। 24 घंटे में कोरोना मामलों में 44 प्रतिशत का उछाल आया है।
बता दें कि पूरे देश में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार सुबह कहा कि 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 2,47,417 नए मामले सामने आए हैं। ये कल से 27.1% ज़्यादा हैं। कल कोरोना के 1,94,720 मामले सामने आए थे। बीते 24 घंटों की पॉजिटिविटी दर 13.11 फ़ीसदी है जबकि साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10.80 फ़ीसदी हो गयी है।
कांग्रेस की पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे दो वरिष्ठ नेता- वीरप्पा मोइली और मल्लिकार्जुन खड़गे कोरोना संक्रमित हुए। उन्होंने पदयात्रा के दौरान डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के साथ एक मंच साझा किया था।
पदयात्रा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा, 'हम पिछले पांच दिनों में सफल रहे हैं। हमें बेंगलुरु में पदयात्रा समाप्त करनी थी। तीसरी लहर के कारण हमें इसे अभी के लिए स्थगित करना पड़ा।' उन्होंने कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के बावजूद पदयात्रा अभियान को जारी रखने का यह कहते हुए बचाव किया कि लगभग दो महीने पहले इसकी योजना बनाई गई थी। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से ख़बर आई है कि कर्नाटक के पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी के फोन कॉल के बाद 10 दिवसीय पदयात्रा को बीच में ही रोकने के फ़ैसले की घोषणा की।
इससे पहले आज मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार को पत्र लिखकर कावेरी नदी पर मेकेदातु बांध परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए आयोजित पदयात्रा को वापस लेने का आग्रह किया था। बोम्मई ने अपने पत्र में आश्वासन दिया था कि परियोजना पटरी पर है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, शिवकुमार ने कहा, 'जब हमने पांच दिनों तक यह पदयात्रा शुरू की थी तब किसी को भी आईसीयू में भर्ती नहीं किया गया था। हम अपने नागरिकों की भलाई के लिए अपनी पदयात्रा का त्याग कर रहे हैं।'
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