कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा के राजनीतिक भविष्य पर अब तक कोई फ़ैसला नहीं होने से संशय बढ़ गया है।
रविवार की सुबह येदियुरप्पा ने कहा था कि शाम तक उन पर कोई फ़ैसला ले लिया जाएगा और कुछ भी होते ही पत्रकारों को इसकी जानकारी देंगे। इससे यह कयास लगाया जाने लगा था कि उन्हें इस्तीफ़ा देने को कहा जा सकता है।
लेकिन लगता है कि यह फ़ैसला फ़िलहाल टाल दिया गया है। रविवार शाम तक इस पर कोई फ़ैसला नहीं हुआ है।
येदियुरप्पा ने रविवार की शाम कहा, "मैंने निर्णय लिया है कि अंतिम क्षण तक काम करता रहूँगा। मैंने दो महीने पहले ही कह दिया था कि जिस समय मुझसे कहा जाएगा, मैं इस्तीफ़ा दे दूँगा। मैं इसे दुहरा रहा हूं।"
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यदि पार्टी मुझसे काम करते रहने को कहेगी तो मैं करता रहूंगा, ऐसा नहीं हुआ तो मैं इस्तीफ़ा दे दूंगा और पार्टी के लिए काम करूंगा।
बी. एस. येदियुरप्पा, मुख्यमंत्री, कर्नाटक
इसके दो दिन पहले येदियुरप्पा ने कहा था कि '26 जुलाई को सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर एक कार्यक्रम रखा गया है। उसके बाद पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा जो भी कहेंगे, मैं करूँगा।'
कर्नाटक बीजेपी या केंद्रीय नेतृत्व ने इस मुद्दे पर रविवार को कुछ नहीं कहा है, पर येदियुरप्पा के बयान से इस अफ़वाह को बल मिला है कि वे जल्द से जल्द इस्तीफ़ा दे देंगे।
पहले क्या कहा था येदियुरप्पा ने?
येदियुरप्पा ने कहा था, "मैं अपने अगले कदम के बारे में 25 जुलाई के बाद ही जान पाऊंगा, और मैं बीजेपी आला कमान के निर्णय का पालन करूंगा।"
उन्होंने इसके आगे कहा था, "मैं पार्टी को मजबूत करने का काम करूंगा और बीजेपी को कर्नाटक की सत्ता में वापस लाने के लिए काम करूंगा।"
इसके कुछ दिन पहले ही येदियुरप्पा ने ट्वीट कर अपने समर्थकों से अपील की थी कि वे उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की ख़बरों को लेकर किसी तरह का प्रदर्शन न करें।
बुधवार को किए गए इस ट्वीट में येदियुरप्पा ने ख़ुद को पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता बताया है।
दावेदारों की दिल्ली दौड़
इस बीच मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दिल्ली दौड़ तेज़ हो गई है।
जिन दावेदारों के नाम की सबसे ज़्यादा चर्चा है, उनमें राज्य के खनन मंत्री मुरूगेश निरानी का भी नाम है, उन्होंने हालिया दिनों में निरानी ने कई बार दिल्ली का दौरा कर अमित शाह सहित कई बड़े नेताओं के साथ मुलाक़ात की है।
निरानी का भी लिंगायत समुदाय में अच्छा प्रभाव माना जाता है। इसके अलावा लिंगायत समुदाय के विधायक अरविंद बेल्लाड ने भी दिल्ली में डेरा डाला हुआ है।
इसके अलावा जिन नेताओं ने दिल्ली की परिक्रमा बीते दिनों में की है, उनमें लिंगायत समुदाय से आने वाले उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टार, आदिवासी समाज से आने वाले मंत्री बी. श्रीरामुलु का भी नाम शामिल है।
मुरूगेश निरानी की उम्र 56 साल, प्रहलाद जोशी की उम्र 58 साल, सीटी रवि की उम्र 54 साल. अश्वथ नारायण की उम्र 52 साल और बीएल संतोष और अरविंद बेल्लाड की उम्र 51 साल है। इनमें से किसी एक नाम पर हाईकमान मुहर लगा सकता है।
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