एबीपी- सी वोटर ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले ओपिनियन पोल में कांग्रेस को बहुमत मिलने के आसार बताए हैं। इसने कहा है कि कांग्रेस को 115-127 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे के अनुसार बीजेपी को क़रारा झटका लगने की संभावना है क्योंकि उसको 68-80 सीटें मिलती हुई दिखाई गई है। सर्वे में जेडीएस को 23-35 सीटें मिलने और अन्य को 0-2 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
224 सीटों वाली विधानसभा के पिछले चुनाव यानी 2018 में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी उभरी थी और उसको 104 सीटें मिली थीं। हालाँकि वह बहुमत से 9 सीटें दूर रह गई थी। कांग्रेस 80 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी और जेडीएस 37 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर। अन्य के खाते में तीन सीटें गई थीं।
तब बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर लिया था और दोनों दलों ने सरकार बना ली थी। हालाँकि, कुछ समय बाद ही कांग्रेस और जेडीएस के कई विधायकों ने पाला बदल लिया था और विधायक पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। तब बीजेपी पर तोड़फोड़ का आरोप लगा। नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार गिर गई और बीजेपी ने सरकार बनाई। हालाँकि, बीजेपी की सरकार बनने के बाद भी इसने मुख्यमंत्री को बदल भी दिया।
अब मई में कार्यकाल ख़त्म वाली इस विधानसभा के लिए चुनाव आयोग ने चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। चुनाव की घोषणा के बाद एबीपी और सी वोटर ने ओपिनियन पोल की रिपोर्ट जारी की।
महाराष्ट्र की सीमा वाला और लिंगायत बहुल इलाक़ा मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस को 43-43% वोट मिलने का अनुमान है। हालांकि, कांग्रेस को 25-29 सीटें, जबकि भाजपा को 21-25 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
तटीय कर्नाटक में भविष्यवाणी की गई है कि बीजेपी को 46% और कांग्रेस को 41% वोट मिल सकते हैं। यहाँ बीजेपी को 9-13 सीटें, कांग्रेस को 8 से 12 सीटें मिलने की संभावना है।
मध्य कर्नाटक में भाजपा को 38%, कांग्रेस को 41% वोट मिलने की संभावना है। सीटों के लिहाज से बीजेपी को 35 सीटों वाले क्षेत्र में 12-16 सीटें, जबकि कांग्रेस को 18-22 सीटें मिलने की संभावना है।
55 सीटों वाले ओल्ड मैसूरु क्षेत्र में बीजेपी के लिए 20% और कांग्रेस के लिए 36% वोट शेयर का अनुमान लगाया गया है। यहाँ जेडीएस को 26-27 सीटें, कांग्रेस को 24-28 सीटें और बीजेपी को 1-5 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
सर्वे में कहा गया है कि शहरी मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस की ओर है। सर्वेक्षण के अनुसार ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र में मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस की ओर है। भाजपा के इस क्षेत्र में 11-15 सीटें जीतने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस के 15-19 सीटें जीतने का अनुमान है। पूर्व सीएम सिद्धारमैया अगले सीएम के लिए मतदाताओं की पसंद की सूची में सबसे ऊपर हैं, उनको 39.1% लोगों ने पसंद किया। अधिकांश मतदाताओं को यह भी लगा कि कांग्रेस इस साल चुनाव जीत जाएगी। सर्वे में 50% उत्तरदाताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने खराब प्रदर्शन किया है।
एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार कम से कम 24.6% उत्तरदाताओं ने कहा कि आगामी चुनावों में धार्मिक ध्रुवीकरण सबसे प्रभावशाली कारक होगा, इसके बाद कावेरी जल विवाद, लिंगायतों और वोक्कालिगाओं के लिए अल्पसंख्यक का दर्जा, हाल ही में सिलसिलेवार हत्याएं आदि शामिल हैं।
फ़िलहाल कर्नाटक उन कुछ चुनिंदा राज्यों में से एक है जहाँ सरकार तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की बनी थी, लेकिन बाद में बीजेपी ने अपनी सरकार बना ली। यानी कर्नाटक में जो विधानसभा चुनाव है उसमें बीजेपी को अपनी सत्ता बनाए रखने की चुनौती है। लेकिन क्या वह ऐसा कर पाएगी?
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