कर्नाटक से बाहर के लोग नहीं जानते कि डी. केम्पन्ना कौन हैं। बुजुर्ग डी. केम्पन्ना कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। एसोसिएशन और उसके अध्यक्ष केम्पन्ना ने पिछले दिनों कर्नाटक सरकार पर 40 फीसदी कमीशन लेकर काम करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना दिया था और राज्यभर में 40 फीसदी कमीशन सरकार मशहूर हो गया था। लेकिन अब मानहानि के आरोप में एसोसिएशन के अध्यक्ष केम्पन्ना और अन्य पदाधिकारियों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई की गई है।
कर्नाटक में अगले तीन-चार महीनों में राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं। यह घटनाक्रम राज्य की बीजेपी सरकार को महंगा पड़ सकता है। कुछ महीने पहले एक ठेकेदार ने खुदकुशी करते हुए आरोप लगाया था कि वो इतना कमीशन नहीं दे सकता, जितना राज्य के नेता और मंत्री मांग रहे हैं। उसके बाद बने जन दबाव की वजह से कर्नाटक के मंत्री ईश्वरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा था। ठेकेदार की खुदकुशी के बाद कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार के मंत्रियों और नेताओं पर 40 फीसदी कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी को पत्र लिखा था। बीजेपी नेताओं और राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस मामले में जांच की बात कहने की बजाय कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन को विपक्ष का एजेंट बताना शुरू कर दिया। हालांकि ताजा कार्रवाई कोर्ट के वॉरन्ट पर हुई लेकिन जनता में यही संदेश गया कि इन गिरफ्तारियों के पीछे सरकार है, ताकि सबक सिखाया जा सके।
वैय्यालिकवल पुलिस ने केम्पन्ना को गिरफ्तार करने की कार्रवाई की है। केम्पन्ना ने राज्य के बागवानी और योजना मंत्री मुनिरत्ना नायडू पर आरोप लगाया था कि मंत्री ने ठेके वाले कामों में 40 फीसदी कमीशन की मांग की थी। मंत्री द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे के जवाब में केम्पन्ना को चार अन्य लोगों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
आरोप लगने के बाद, मंत्री मुनिरत्ना ने केम्पन्ना के खिलाफ 50 करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर किया। मंत्री द्वारा मानहानि का मुकदमा दायर किए जाने के बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
एसीएमएम कोर्ट ने 19 दिसंबर को केम्पन्ना के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया, जिसके बाद पुलिस ने यह गिरफ्तारी की है। चार पदाधिकारियों के साथ कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के कुल पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।
इनमें कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष नटराज, एसोसिएशन के संयुक्त सचिव गुरुसिद्दप्पा और एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कृष्णा रेड्डी शामिल हैं, जिन्हें केम्पन्ना के साथ गिरफ्तार किया गया। इन सभी ने राज्य सरकार के मंत्री पर 40 फीसदी कमीशन मांगने का सीधा आरोप लगाया था।
केम्पन्ना ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य सरकार के मंत्रियों ने ठेका कार्यों में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की है। इसके अलावा, बेंगलुरु शहर और बीबीएमपी के ठेकेदारों ने आरोप लगाया है कि बीबीएमपी ठेकेदारों से 50 प्रतिशत कमीशन की मांग करती है।
मुनिरत्ना ने कहा कि उन्होंने केम्पन्ना के साथ जुड़े 18 लोगों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
ऐसे पोस्टर राज्य में लगे थे, जिन्हें पुलिस वालों को हटाते देखा गया था।
मंत्री ने कहा कि आप बिना दस्तावेजों के झूठे आरोप लगाकर कानून से नहीं बच सकते। केवल प्रसिद्ध होने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र न लिखें। यदि कोई दस्तावेज है, तो उसे जारी करें और कमीशन प्राप्त करने वाले अधिकारियों और राजनेताओं को बेनकाब करें। अर्जी दाखिल होते ही न्यायिक जांच नहीं की जा सकती।
केम्पन्ना ने कहा था कि वे अदालत में सभी दस्तावेज जमा करेंगे। लेकिन ऐसा करने से पहले उन्हें बाकी पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
कांग्रेस ने 40 फीसदी सरकार का मुद्दा उठाते हुए राज्य में पोस्टर तक लगाए थे। कुछ लोगों को जर्सियां बांटी गई थीं, जिन पर 40 फीसदी कमीशन की बात लिखी थी। राज्य की बीजेपी सरकार ने कांग्रेस के इस अभियान को भी दबाने की कोशिश की। पुलिस ने कांग्रेस के उन नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था, जो 40 फीसदी कमीशन वाला पोस्टर लगा रहे थे।
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