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मुसलमानों को शांति और सम्मान से जीने दो: येदियुरप्पा

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि मुसलमानों को शांति और सम्मान से जीने दिया जाए। येदियुरप्पा का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब कर्नाटक हिजाब, हलाल मीट जैसे कई मुद्दों के शोर से गूंज रहा है।

कुछ दिन पहले श्रीराम सेना संगठन के कार्यकर्ताओं ने धारवाड़ में रेहड़ी वाले मुसलिम शख्स के फल फेंक दिए थे। इस मामले में हालांकि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन येदियुरप्पा ने हिंदुत्ववादी संगठनों से कहा है कि वह इस तरह की हरकतें ना करें।

येदियुरप्पा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह चाहते हैं कि हिंदू और मुसलमान एक मां के बच्चे की तरह मिलजुल कर रहें। अगर कुछ शरारती तत्व इसमें रुकावट पैदा करते हैं तो मुख्यमंत्री ने कहा है कि कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब इस तरह की घटनाएं राज्य में नहीं होनी चाहिए और हमें एकजुट रहना चाहिए।

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सांप्रदायिक मुद्दे हावी 

कर्नाटक में अगले साल मई में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन उससे पहले गिरिजाघरों पर हमले, मंदिरों के बाहर मुसलिम दुकानदारों को व्यापार न करने देना, हिजाब पर विवाद, हलाल मीट को बैन करने की मांग और मदरसों पर भी प्रतिबंध लगाने सहित कई मुद्दों को लेकर राज्य का सियासी माहौल बेहद गर्म है।

कुछ दिन पहले बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को दिल्ली बुलाकर कहा था कि हिजाब, हलाल मीट जैसे मुद्दों से पार्टी को कुछ जगहों पर तो फायदा हो सकता है लेकिन सत्ता में लौटने के लिए सरकार को बढ़िया काम करके दिखाना होगा।

इससे पहले कर्नाटक के कानून मंत्री जे.सी. मधुस्वामी ने भी इस तरह की हरकतों को अंजाम देने वाले संगठनों को चेताया था। उन्होंने कहा था कि जिन्होंने आजादी के बाद भारत में रहने का रास्ता चुना है, वे सभी भारतीय हैं और यह देश सभी का है।

halal hijab controversy in karnataka against muslims - Satya Hindi

13 फीसद मुसलिम आबादी 

कर्नाटक में लगभग 13 फीसद मुसलिम आबादी है और यहां जिन सांप्रदायिक मुद्दों पर शोर हो रहा है उसकी गूंज दूसरे राज्यों और दुनिया तक भी सोशल मीडिया के जरिए पहुंच रही है। येदियुरप्पा शायद नहीं चाहते कि इस तरह के विवादों से कर्नाटक की छवि खराब हो और यहां आने वाले निवेश और नौकरियों पर किसी तरह का असर पड़े।

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क्योंकि कर्नाटक के पड़ोसी राज्य तेलंगाना और तमिलनाडु कर्नाटक के उद्योगपतियों से अपील कर चुके हैं कि अगर उन्हें वहां कोई परेशानी है तो वह उनके राज्य में आ सकते हैं। इसके बाद ही कर्नाटक सरकार कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर सतर्क दिख रही है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि येदियुरप्पा कर्नाटक की सियासत के सबसे बड़े नेता हैं और उनके मुसलमानों को शांति और सम्मान से जीने देने के बयान का सीधा मतलब यही है कि वह नहीं चाहते कि राज्य का माहौल खराब हो और सरकार व बीजेपी को किसी तरह का सियासी नुकसान हो।

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क़मर वहीद नक़वी
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