loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

हार

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

जीत

भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में जुटे शिवकुमार को ईडी का समन 

कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा है कि उन्हें ईडी की ओर से समन किया गया है। शिवकुमार ने कहा है कि उन्हें समन ऐसे वक्त में किया गया है जब भारत जोड़ो यात्रा चल रही है और साथ ही कर्नाटक विधानसभा का सत्र भी चल रहा है। 

कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार ने कहा है कि वह जांच एजेंसी को पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं। लेकिन समन भेजने की जो टाइमिंग है और जिस तरह के उत्पीड़न से वह गुजरे हैं, उससे उनके संवैधानिक और राजनीतिक कामों में रुकावट पैदा हो रही है। 

अगले कुछ दिनों में भारत जोड़ो यात्रा को कर्नाटक में प्रवेश करना है और प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते डीके शिवकुमार इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। कर्नाटक में अगले साल विधानसभा के भी चुनाव होने हैं। बता दें कि 2018 में ईडी ने डीके शिवकुमार और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। 

ताज़ा ख़बरें

ईडी ने किया था गिरफ्तार 

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सितंबर 2019 में डीके शिवकुमार को गिरफ्तार भी किया था। डीके शिवकुमार को कुछ वक्त तक तिहाड़ जेल में भी रहना पड़ा था और बाद में उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। तब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तिहाड़ जेल में शिवकुमार से मुलाक़ात की थी। डीके शिवकुमार की गिरफ़्तारी के विरोध में कर्नाटक में कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया था और  तत्कालीन मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने भी इसे लेकर चिंता जताई थी। 

ईडी के मुताबिक, कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार के दौरान जब डीके शिवकुमार मंत्री थे तो उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभियुक्त बनाए गए दूसरे लोगों के साथ आपराधिक साजिश रची थी और टैक्स चोरी किया था। ईडी ने कहा था कि तब बड़ी मात्रा में नकदी को बेंगलुरु से दिल्ली ले जाया गया था। 

ईडी ने 2017 के अगस्त महीने में शिवकुमार के ठिकानों पर छापे मारे थे और बड़ी मात्रा में नकदी मिलने का दावा किया था। कर्नाटक में जब तक कांग्रेस-जेडीएस की सरकार चली, इसमें डीके शिवकुमार का अहम योगदान रहा।

धड़ाधड़ छापेमारी 

सीबीआई और ईडी के अलावा आयकर विभाग की ओर से भी देश भर में कई जगहों पर बीते दिनों जबरदस्त छापेमारी की गई है। कुछ दिन पहले सीबीआई ने ममता बनर्जी सरकार के कानून मंत्री मलय घटक के घर पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी कथित कोयला घोटाला के मामले में हुई थी। उस दौरान आयकर विभाग ने गहलोत सरकार के मंत्री राजेंद्र यादव के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी राजस्थान मध्याह्न भोजन कथित घोटाला मामले में हुई थी। 

इस महीने की शुरुआत में केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने दिल्ली-एनसीआर व कई शहरों में 35 जगहों पर छापेमारी की थी। आबकारी नीति में हुई कथित गड़बड़ियों के मामले में अभियुक्त बनाए गए समीर महेंद्रु के दिल्ली स्थित आवास के अलावा गुड़गांव, लखनऊ, हैदराबाद, मुंबई और बेंगलुरु में भी कई जगहों पर ईडी ने छापेमारी की थी। 

पिछले महीने बिहार में आरजेडी नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने छापेमारी की थी। आरजेडी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह, राज्यसभा सांसद अशफाक करीम और फैयाज़ अहमद के आवास पर जांच एजेंसी ने छापा मारा था। ये नेता आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी हैं। यह छापेमारी लैंड फॉर जॉब या रेलवे भर्ती घोटाले के मामले में हुई थी। 

झारखंड की राजधानी रांची में भी खनन घोटाले के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने छापेमारी की थी। 

कर्नाटक से और खबरें

सिसोदिया के घर छापेमारी 

याद दिलाना होगा कि सीबीआई ने आबकारी नीति को लेकर पिछले महीने मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाला था। 

विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी को लेकर भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर हमला बोला था।

ED summons DK Shivakumar in money laundering case - Satya Hindi

एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल?

ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स के किसी विपक्षी नेता को समन करने या घरों, दफ्तरों पर छापेमारी के बाद वही पुराना सवाल फिर से खड़ा हो जाता है कि क्या इन एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल हो रहा है। पिछले आठ सालों में जांच एजेंसियों की छापेमारी पर ढेरों सवाल उठे हैं कि क्यों ये एजेंसियां विपक्षी नेताओं, उनके रिश्तेदारों, करीबियों को धड़ाधड़ समन भेज रही हैं या उनके घरों-दफ़्तरों पर छापेमारी कर रही हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

कर्नाटक से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें