एक ओर कर्नाटक के मुख्यमंत्री़ बी. एस. येदियुरप्पा अगले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का नेतृत्व करने का सपना संजोए हुए हैं, दूसरी ओर उनके अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी ने पार्टी ही नहीं, राज्यपाल तक से उनकी शिकायत कर दी है। ग्रामीण विकास मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा ने राज्यपाल से शिकायत की है कि मुख्यमंत्री उनके कामकाज में हस्तक्षेप करते हैं, कई तरह की गंभीर गड़बड़ियाँ की हैं और अधिनायकवादी प्रवृत्ति के हैं।
ईश्वरप्पा ने राज्यपाल विजूभाई वाला को लिखी चिट्ठी में कहा है कि कैबिनेट में सत्ता के बँटवारे को लेकर बने कर्नाटक (ट्रान्जैक्शन ऑफ़ बिज़नेस) रूल 1977 का उल्लंघन मुख्यमंत्री करते हैं।
ईश्वरप्पा ने कहा है कि येदियुरप्पा ने उन्हें बताए बिना ही उनके विभाग से जुड़े 774 करोड़ रुपए का आबंटन कर दिया, बजट में बेंगलुरु के लिए 65 करोड़ रुपए आबंटित कर दिए गए और दूसरे 30 ज़िलों की उपेक्षा की गई।
उन्होंने कहा, "यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री ने जानबूझ कर और विभागीय मंत्री को बताए बिना ही यह आदेश दे दिया। ऐसा ही चलता रहा कि तो पता नहीं मंत्री के रूप में मैं क्या करूंगा।"
ईश्वरप्पा और येदियुरप्पा दोनों ही शिवमोग्गा ज़िल के हैं और बेहद नज़दीक रहे हैं।
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