अपनी घरेलू सहायिका से हैवानियत भरा व्यवहार करने वाली सीमा पात्रा ने उसकी हैवानियत का पर्दाफाश करने के चलते अपने बेटे को अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। सीमा पात्रा ने उनके घर में काम करने वाली एक आदिवासी महिला का जमकर उत्पीड़न किया था। पात्रा को बुधवार सुबह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
सीमा पात्रा का बेटा आयुष्मान घरेलू सहायिका के उत्पीड़न को लेकर परेशान था और उसने इसके वीडियो को अपने एक दोस्त के साथ शेयर किया था। दोस्त का नाम विवेक आनंद है और वह सरकारी कर्मचारी है। आयुष्मान के दोस्त ने इस वीडियो को पुलिस को दिखाया।
सीमा पात्रा को जब इस बात का पता चला कि उनका बेटा घरेलू सहायिका की मदद कर रहा है तो उसने उसे रांची में न्यूरो-मनोचिकित्सा से संबंधित अस्पताल में भर्ती करा दिया। सीमा पात्रा का शैतानों वाला यह बर्ताव उनके बेटे की वजह से ही दुनिया के सामने आ सका।
‘खुद को निर्दोष बताया’
सीमा पात्रा ने एनडीटीवी से कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनके बेटे की तबीयत ठीक नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि वह सारे सवालों का जवाब देंगी। उन्होंने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उन्हें झूठा फंसाने की कोशिश की गई है और इसके पीछे राजनीति है।
घरेलू सहायिका का रांची के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। सीमा पात्रा के द्वारा की गई हैवानियत के बारे में जानकारी सामने आने के बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। वह रिटायर्ड आईएएस अफसर महेश्वर पात्रा की पत्नी हैं।
सीमा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वह बीजेपी की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्य समिति की सदस्य भी रह चुकी हैं। आदिवासी महिला उसके साथ पिछले 10 सालों से काम कर रही थी।
पीड़िता ने बताया है कि उसे कई दिनों तक खाना और पानी नहीं दिया जाता था। उसे फर्श पर पेशाब को चाटने के लिए मजबूर किया गया और सीमा पात्रा ने लोहे की रॉड से उसके दांत भी तोड़ दिए थे। पीड़िता ने बताया है कि आयुष्मान की वजह से ही वह जिंदा बच सकीं।
सीमा पात्रा के द्वारा की गई हैवानियत की सोशल मीडिया पर भी घोर निंदा की जा रही है। लोगों ने उन्हें सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।
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