हेमंत सोरेन ने रविवार को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ले ली। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राजधानी राँची के मोराबादी मैदान में शपथ दिलाई।
बीजेपी झारखंड का चुनाव क्या इस वजह से हार गई कि मुख्यमंत्री रघुबर दास की कार्यशैली तानाशाहों जैसी थी या इस वजह से कि केंद्रीय नेतृत्व जल-ज़मीन-जंगल के मुद्दे नहीं उठा पाई?
इसे क्या माना जाए? क्या उग्र हिन्दुत्व की हार है? क्या यह मोदी-शाह की आक्रामक राजनीति की हार है? क्या यह बताता है कि बीजेपी लोगों से जुड़े मुद्दे नहीं उठा पाई?
ताज़ा रुझानों में झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुआई वाले महागठबंधन को बहुमत मिल गया है। सवाल यह उठता है कि क्या हेमंत सोरेन के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजेगा?
इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया का सर्वे का अनुमान है कि झारखंड में विपक्षी गठबंधन को 38-50 सीटें मिल सकती हैं, जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी को 22-32 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने झारखंड में जमकर चुनावी रैलियां की हैं। लेकिन विपक्षी दलों ने भी बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए पूरी ताक़त झोंक दी है।