झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे में ट्रालियों में फंसे लोगों को बचाने का ऑपरेशन पूरा हो गया है। बेहद कठिन इस ऑपरेशन में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि बाकी सभी को सुरक्षित बचा लिया गया। इस दौरान ट्रॉली में फंसे लोगों को खाना और पानी ड्रोन के जरिए पहुंचाया गया।
यह घटना रविवार शाम 4 बजे हुई थी। हादसे की वजह यह थी कि रोपवे की ट्रालियां आपस में उलझ गई थीं। इस वजह से लोग घंटों से हवा में फंसे हुए थे जिसके बाद एयरफोर्स से मदद मांगी गई थी।
अफसरों के मुताबिक, यह हादसा तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुआ और इस वजह से ट्रालियों की आपस में टक्कर हो गई। इस खबर के वायरल होते ही रोपवे के मैनेजर और अन्य कर्मचारी मौके से भाग गए।
एयर फोर्स के अलावा एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव के काम में जुटी रही। स्थानीय लोगों ने भी एनडीआरएफ, एयर फोर्स और प्रशासन की टीम का पूरा सहयोग किया।
यह त्रिकूट रोपवे बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास है और यहां बड़ी संख्या में लोग आए हुए थे। त्रिकूट रोपवे 766 मीटर लंबा है। इस रोपवे में 25 ट्राली हैं और हर ट्राली में 4 लोग बैठ सकते हैं।
गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने घटना के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को जानकारी दी थी।
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