जमशेदपुर में रामनवमी के झंडे के कथित अपमान को लेकर रविवार रात दो गुटों में हुई झड़प के बाद दंगा नियंत्रण पुलिस को बुलाना पड़ा। शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है।
भीड़ ने एक-दूसरे पर पथराव किया और शास्त्रीनगर में दो दुकानों और एक ऑटो-रिक्शा में आग लगा दी। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
घटना की वजह के संबंध में बताया जाता है कि शनिवार 8 अप्रैल को एक धार्मिक झंडे में कथित तौर पर मांस का टुकड़ा बंधा पाया गया। एक संगठन के लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। एसडीएम ने उस हिन्दू संगठन की मांग पर मांस के टुकड़े को लैब में भेजा, जहां से रिपोर्ट आई कि वो चिकन (मुर्गा) का मांस था। लेकिन शहर में प्रदर्शन जारी रहा। कई मुस्लिम संगठनों ने पुलिस और जिला प्रशासन को आगाह किया कि तनाव बढ़ रहा है। रविवार को पुलिस जगह-जगह तैनात थी लेकिन रात में दंगे शुरू हो गए। शास्त्री नगर में मुसलमानों की संपत्ति को निशाना बनाकर आग के हवाले कर दिया गया।
एएनआई ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया है। शहर के पुलिस प्रमुख प्रभात कुमार ने कहा, जो लोग जमा हुए थे उन्हें घर भेज दिया गया है। पूरे इलाके में फोर्स तैनात कर दी गई है, आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) की एक कंपनी तैनात कर दी गई है।
दंगा पुलिस ने आज सुबह शहर में फ्लैग मार्च किया।पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। हम हालात की समीक्षा लगातार कर रहे हैं। सामान्य स्थिति लाने के लिए शांति समिति और दोनों समुदाय के अन्य प्रमुख लोगों के साथ संपर्क स्थापित किया जा रहा है।
यह फोटो जमशेदपुर के शास्त्रीनगर इलाके का है।
उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। नागरिकों से सहयोग मांगा गया है। उन्होंने एक बयान में कहा, हमने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल, एक त्वरित प्रतिक्रिया दल, एक मजिस्ट्रेट, रैपिड एक्शन फोर्स कर्मियों और अन्य दंगा विरोधी संसाधनों को तैनात किया है।
विजया जाधव ने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, लोगों से अनुरोध है कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। यदि उन्हें कोई भड़काऊ या अप्रिय संदेश मिलता है, तो कृपया पुलिस को सूचित करें।
पुलिस कहना है कि इलाके में शनिवार से ही तनाव था। एक स्थानीय संगठन के सदस्यों ने झंडे को अपवित्र बताने पर विरोध प्रदर्शन किया था। उनकी मांग थी कि आरोपी फौरन गिरफ्तार किए जाएं। इसके बाद धार्मिक झंडे में मांस का टुकड़ा पाए जाने की अफवाह शहर में फैलाई गई। बीती रात हुई हिंसा के बाद पुलिस के आला अधिकारी इलाके में डेरा डाले हुए हैं।
कुछ मुस्लिम संगठनों और मसजिदों के मौलवियों ने आरोप लगाया है कि रविवार देर रात तरावीह (नमाज) पढ़कर लौट रहे लोगों को पुलिस ने शहर के दूसरे इलाकों में गिरफ्तार कर लिया। जबकि उनका घटना से या घटना वाले इलाके से कोई लेना देना नहीं है। इस संबंध में लोग सोशल मीडिया पर ट्वीट करके गुस्सा जता रहे हैं।
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