हेमंत सोरेन ने गुरुवार शाम को झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें आज ही सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन हाल ही में जमीन घोटाले के एक मामले में क़रीब पांच महीने जेल में बिताने के बाद जमानत पर रिहा हुए हैं।
झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। इससे एक दिन पहले ही उनके पूर्ववर्ती चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
सत्तारूढ़ गठबंधन के 45 विधायकों द्वारा हेमंत को अपना नेता चुने जाने के बाद चंपई ने बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हेमंत को गिरफ्तार किए जाने के पांच महीने बाद 28 जून को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद जेल से रिहा किया गया था।
पिछले हफ्ते उन्हें जमानत देते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने कहा था कि यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि वे आरोप लगाए गए अपराध के दोषी नहीं हैं। इसी बीच बुधवार को इंडिया गठबंधन के विधायक दल की बैठक हुई थी।
वैसे, बुधवार की बैठक में सबकुछ ठीक नहीं रहा था। रिपोर्ट है कि हेमंत सोरेन के पद छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन उन्हें बदलने के फ़ैसले से खुश नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि यह अच्छा नहीं होगा क्योंकि राज्य में चुनाव बस कुछ ही महीने दूर हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वह भी एक जन नेता हैं, और हेमंत की सरकार को फिर से अस्थिर करने की कोशिश की जा सकती है क्योंकि वह केवल जमानत पर बाहर हैं।
रिहा होने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए हेमंत ने रविवार को दावा किया था कि राज्य के चुनाव पहले होंगे और वह किसी भी समय उनका सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, 'आज देश में जो स्थिति है, उसके कारण इंडिया ब्लॉक ने एक क्रांति शुरू करने का फ़ैसला किया है। हमने राज्य और देश से इन सामंती लोगों को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है।'
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