झारखंड सरकार ने एक अध्यादेश पास किया है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने का दोषी पाए जाने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। अध्यादेश के तहत लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 2 साल की जेल हो सकती है।
मास्क न पहनने और लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर यह अब तक किसी भी राज्य सरकार का सबसे कठोर कदम माना जा रहा है। इससे पहले भी महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने मास्क न पहनने पर जुर्माना लगाया था लेकिन वह सिर्फ़ 500 रुपये तक सीमित था।
झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस मामले में एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा, ‘अभी अध्यादेश पूर्ण रूप से पारित नहीं हुआ है। किसी पर यदि इसे लेकर मुक़दमा दायर होता है और वह दोषी पाया जाता है तो, तभी एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना ऑन द स्पॉट नहीं देना होगा। हम किसी को पकड़कर जुर्माना नहीं कर रहे हैं।’
सरकार के इस फ़ैसले पर सवाल यह उठ रहा है कि ग़रीब लोगों ने अगर ग़लती से मास्क नहीं पहना होगा तो पहले वे अदालतों के धक्के खाएंगे और अगर दोषी साबित हुए 1 लाख रुपये का जुर्माना देंगे। लेकिन कैसे देंगे, यह सरकार ने नहीं सोचा।
इतना भारी-भरकम जुर्माना लगाने के बजाय राज्य सरकार को हर व्यक्ति को इलाज उपलब्ध कराना चाहिए। किसी भी सूरत में एक लाख रुपये के जुर्माने के फ़ैसले को सही नहीं ठहराया जा सकता।
इलाज, टेस्टिंग पर ध्यान दे सरकार
झारखंड सरकार इलाज तो ढंग से दे नहीं पा रही है, अस्पतालों में लोग इलाज के लिए भटक रहे हैं और इस सबके बीच लॉकडाउन की वजह से पहले से ही काम-धंधे छूटने की वजह से बेरोज़गार बैठे लोग मास्क न पहनने की ग़लती होने पर इस आदेश के कारण भयंकर मुसीबत में पड़ जाएंगे।
राज्य सरकार जुर्माना तो भारी-भरकम लगाने जा रही है लेकिन पहले वह टेस्टिंग को लेकर ख़ुद के गिरेबान में झांके। राज्य में टेस्टिंग का कुल आंकड़ा अब तक ढाई लाख पहुंच पाया है। झारखंड में अब तक कोरोना के कुल 6,723 मामले सामने आ चुके हैं और 77 लोगों की मौत हो चुकी है।
मंत्री, विधायक भी चपेट में
इस बीच, झारखंड के सचिवालय को 27 जुलाई तक के लिए सील कर दिया गया है। इस तरह की ख़बरें आई थीं कि सचिवालय में काम करने वाले कुछ कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हैं। झारखंड के पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर, झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक मथुरा महतो और बीजेपी के विधायक सीपी सिंह कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।
कोरोना की तेज रफ़्तार
जून और जुलाई में कोरोना की रफ़्तार बेहद तेज हुई है। देखते ही देखते कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा साढ़े 12 लाख के क़रीब जा पहुंचा है और अब तक कुल 29,861 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते कुछ दिनों से लगातार तीस हजार से ज़्यादा मामले सामने आ रहे थे लेकिन बुधवार को 45 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए। हालांकि लोग ठीक भी हो रहे हैं और कुल संक्रमितों में से अब तक 7,82,607 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 4,26,167 लोगों का इलाज चल रहा है।
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