सुरक्षा बलों ने बुधवार को हिज़बुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज़ नाइकू को कश्मीर के पुलवामा में मार गिराया है। बुरहान वानी के मारे जाने के बाद रियाज़ ने उसकी जगह ले ली थी। वह आठ साल से फरार चल रहा था। बुरहान वानी कश्मीर में आतंकवाद का पोस्टर ब्वॉय था, उसे जुलाई 2016 में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था।
सूत्रों के मुताबिक़, रियाज़ नाइकू रमज़ान के दौरान अपने बूढ़े माता-पिता से मिलने आया था। ख़ुफ़िया सूत्रों को उसके इस इलाक़े में मौजूद होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन चलाया और उसे घेर लिया।
इंडिया टुडे के मुताबिक़, भारतीय सेना, सीआरपीएफ़ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर बेग़बोरा गांव में मंगलवार रात को तलाशी अभियान चलाया। रियाज़ के छुपने की जगह के बारे में जानकारी मिलने पर जवानों ने मिलकर कई खेतों और रेलवे ट्रैक को खोद डाला।
बुधवार सुबह 9 बजे उसका पता चला और जवानों ने उसका पीछा किया। सुरक्षाबलों को अंदेशा था कि रियाज़ अवंतीपोरा के एक घर में छुपा हुआ है। सुरक्षा बलों ने इस घर को उड़ा दिया। तलाशी अभियान दिन में 1 बजे ख़त्म हुआ। नाइकू को ढेर करने से पहले कश्मीर के 10 जिलों में इंटरनेट निलंबित कर दिया गया था।
रियाज़ नाइकू के सिर पर 12 लाख रुपये का इनाम था। नाइकू से पहले बुधवार को ही पुलवामा जिले के एक और गांव में दो और आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व महानिदेशक एस.पी. वैद ने कहा कि नायकू बुरहान वानी के बाद सबसे कुख्यात आतंकवादी था जिसकी पुलिस को तलाश थी।
पुलिस के मुताबिक़, नायकू कश्मीरी नौजवानों को आतंकवाद का प्रशिक्षण देने के लिए भर्ती कर रहा था। उस पर कई पुलिस अफ़सरों की हत्या करने और कई पुलिस अफ़सरों को धमकाने का आरोप था।
पिछले एक महीने में भारत के 22 जवान कश्मीर घाटी में शहीद हो चुके हैं। रविवार को सेना के दो वरिष्ठ अफ़सर सहित 5 जवान कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद हो गए थे। सोमवार को इसी इलाक़े में आतंकवादियों ने सीआरपीएफ़ की एक टीम पर हमला किया था जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे।
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