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भारत पर हमले के लिए पाक कर्नल ने भेजा था आतंकी, सेना ने पकड़ा

कश्मीर के राजौरी जिले से पाकिस्तान के एक आतंकी को पकड़ा गया है। आतंकी ने पूछताछ में बताया है कि उसे पाकिस्तान के एक कर्नल ने भारत की चौकी पर हमला करने के लिए 30 हजार रुपए दिए थे। अहम बात यह है कि इस आतंकी को कुछ साल पहले लाइन ऑफ कंट्रोल को पार करते वक्त गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन तब उसे मानवीय आधार पर वापस पाकिस्तान भेज दिया गया था। 

इस आतंकी का नाम तबारक हुसैन है और वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कोटली जिले के सब्जकोट गांव का रहने वाला है। 

कश्मीर में लगातार सीमा पार से दहशतगर्दी की वारदातों को बढ़ावा देने में जुटे पाकिस्तान की यह एक और नापाक करतूत है। 

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राजौरी जिले में 2 दिनों के अंदर भारतीय सेना ने घुसपैठ की दो कोशिशों को फेल किया है। इस पाकिस्तानी आतंकी के साथ घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो अन्य आतंकी खराब मौसम का फायदा उठाते हुए भाग निकले। जबकि एक अन्य घटना में घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों की मौत हो गई। 

आतंकी को 21 अगस्त की सुबह पकड़ा गया। भारतीय सेना ने कहा कि नौशेरा क्षेत्र के झंगर सेक्टर में भारतीय जवानों ने 2 से 3 आतंकियों को लाइन ऑफ कंट्रोल के नजदीक देखा। इनमें से एक आतंकी भारतीय पोस्ट के नजदीक आ गया था और वह वहां पर लगी तारबाड़ को काटने की कोशिश कर रहा था। जब उसने भागने की कोशिश की तो जवानों ने उस पर फायरिंग की। इसमें वह घायल हो गया और उसे पकड़ लिया गया। 

आतंकी ने पूछताछ में बताया कि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एक कर्नल यूनुस चौधरी ने भेजा था और 30 हजार पाकिस्तानी रुपए भी दिए थे।
आतंकी ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने कुछ अन्य साथियों के साथ मिलकर भारतीय चौकियों की रेकी की थी और 21 अगस्त को उसे भारतीय सीमा में प्रवेश करना था। भारतीय सेना ने कहा है कि तबारक हुसैन को साल 2016 में इसी जगह पर उसके भाई हारून अली के साथ पकड़ा गया था लेकिन तब मानवीय आधार पर उसे नवंबर 2017 में वापस पाकिस्तान भेज दिया गया था।
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आतंकवाद के मसले पर बुरी तरह घिर चुका पाकिस्तान इस आतंकी के कबूलनामे के बाद एक बार फिर बेनकाब हुआ है।

जबकि 22-23 अगस्त की रात को जम्मू-कश्मीर के नौशेरा जिले के लाम सेक्टर में दो से तीन आतंकियों के एक समूह ने घुसपैठ की कोशिश की। जैसे ही वे आगे बढ़े, लैंडमाइन के धमाकों में दो आतंकियों की मौत हो गई। इस तरह सेना ने आतंकियों की इस कोशिश को फेल कर दिया। 

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क़मर वहीद नक़वी
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