कश्मीर में दहशतगर्दी फिर बढ़ रही है। बांदीपोरा में शुक्रवार को एक मजदूर की हत्या कर दी गई। एक दिन पहले गुरुवार को राजौरी में सेना के एक कैंप पर हमला हुआ था, जिसमें चार जवान शहीद हो गए थे। दो आतंकी भी मारे गए थे।
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को अगर मजबूती से चुनाव लड़ना है तो उसे गुलाम नबी आज़ाद को आगे रखना ही होगा और उनके ही किसी समर्थक को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना होगा।
जम्मू कश्मीर सरकार में कभी बीजेपी की सहयोगी रही पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने आख़िर क्यों आरोप लगाया कि बीजेपी अपराधियों का इस्तेमाल सांप्रदायिक विभाजन के लिए कर रही है?
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद पहली बार मतदाता सूची में संशोधन का काम शुरू किया गया है? तो क्या जल्द चुनाव की तैयारी है?
कश्मीर में हालात फिर बिगड़ रहे हैं। कश्मीरी पंडित वहां से पलायन कर रहे हैं। जानिए, कश्मीर के तमाम मुद्दों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा।
कश्मीर में एक बार फिर निशाने पर आए कश्मीरी पंडित घाटी से बाहर भेजे जाने की मांग को लेकर सड़कों पर हैं। लेकिन क्या केंद्र सरकार उन्हें घाटी से बाहर भेजेगी?