जम्मू-कश्मीर में 2019 में धारा 370 के हटने के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं और उसके बाद पहली बार राज्य में विधानसभा के चुनाव होंगे। देखना होगा कि गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचाते हैं।
जम्मू कश्मीर के विपक्षी दलों को बाहरी लोगों को वोट का हक देने के मुद्दे पर सोमवार को आंदोलन की अपनी रणनीति बनानी थी। लेकिन श्रीनगर में फारुख अब्दुल्ला के घर जमा हुए विपक्षी दलों के नेता कोई रणनीति नहीं बना सके।
कश्मीर की नेता और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को रविवार को श्रीनगर में उनके घर में नजरबंद कर दिया गया। वे उस कश्मीरी पंडित परिवार से मिलने जा रही थीं, जिसे अभी हाल ही में आतंकियों ने निशाना बनाया था।
जम्मू कश्मीर में अन्य राज्य के लोगों को मतदान का अधिकार देने पर आतंकी संगठनों ने धमकी देना शुरू कर दिया है। उन्होंने धमकी दी है कि वे ऐसा नहीं होने देंगे और अन्य राज्य के लोगों को हमारे विरोध का सामना करना होगा। राज्य के राजनीतिक दलों ने भी बाहरी राज्य के लोगों को यहां वोट का अधिकार देने का विरोध किया है।