क्या राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति आतंकवादियों को हत्या करने के लिए उकसा सकता है! वह भी वैसे लोगों की हत्या के लिए जो राजनेता, अफ़सर या पूर्व नौकरशाह हों।
संयुक्त राष्ट्र की एजेन्सी यूएन ओएचसीएचआर ने जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराने को कहा तो भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए इसे आतंकवाद को उचित ठहराने की कोशिश बताया।
गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सतपाल मलिक, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा व दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकों के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म हो जाएगा?
धारा 370 और धारा 35-ए को ख़त्म करने की बात अपने चुनाव घोषणापत्र में करके बीजेपी ने बहस को तीखा कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे राज्य आज़ाद हो जाएगा।
धारा 370 ख़त्म करने की माँग बीच-बीच में उठती रही है। क्या यह मुमकिन है और यदि मुमकिन है भी तो क्या व्यवहारिक है? चुनाव के ठीक पहले इस बहस के क्या मायने हैं?
जेएनयू के लापता छात्र नज़ीब अहमद की माँ ने नरेंद्र मोदी से अपने बेटे के बारे में पूछ सवाल तो सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने फ़र्जी तसवीर डाल कर कहा, वह बन गया आतंकवादी।
कश्मीर के बांदीपोरा की एक बच्ची जाइना ज़ेबा ने नरेंद्र मोदी और इमरान ख़ान से अपील की है कश्मीर मसले का जल्दी से जल्दी समाधान निकालें और उन्हें शांति से रहने दें।
जम्मू बस पड़ाव पर खड़ी एक बस पर ग्रेनेड फेंका गया, विस्फोट में एक की मौत हो गई और 32 लोग घायल हो गए हैं। जख़्मी लोगों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने धारा 35-ए पर प्रशासन के रवैए में किसी तरह के बदलाव से साफ़ इनकार किया है। उनका कहना है कि निर्वाचित सरकार इस पर कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।
केंद्र सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियाँ आनन फानन में हवाई जहाज से जम्म-कश्मीर भेजी हैं। वहां बड़े पैमाने पर कार्रवाइयाँ की जा रही हैं और अलगाववादी नेताओं को गिरफ़्तार किया गया है।
यह सवाल अपनी जगह मज़बूती से खड़ा है कि आख़िर जैश बीजेपी को सत्ता में दुबारा क्यों लाना चाहेगा? इसमें उसका क्या स्वार्थ है? इससे पाक सेना को क्या लाभ हो सकता है?
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पुलवामा हमले के दौरान मोदी फ़िल्म की शूटिंग में व्यस्त थे। दूसरी ओर बीजेपी ने कांग्रेस पर घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया है।