कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बीच राहुल गाँधी के राज्य का दौरा करने के मामले में दिलचस्प मोड़ आ गया है।
जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने को लेकर भले ही केंद्र सरकार लाखों दावे करे लेकिन अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रायटर्स की ख़बर दावों के उलट तसवीर पेश करती है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार का ज़ोर अब अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद जम्मू-कश्मीर में अस्त-व्यस्त हुई स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने पर है।
राहुल गाँधी ने गवर्नर मलिक का कश्मीर आने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। कराची में कार्यक्रम कर मीका ने मुसीबत बुला ली है और शाह फ़ैसल को दिल्ली हवाईअड्डे पर पकड़ कर वापस श्रीनगर भेज दिया गया है। देखिए शीतल के सवाल में कश्मीर पर विशेष रिपोर्ट।
जम्मू-कश्मीर में फ़िलहाल स्थिति कुछ ठीक नहीं है। लेकिन क्या इसकी स्थिति पहले भी ऐसी रही है? कनिष्क से लेकर जहाँगीर, अंग्रेज़ शासन के आने तक कैसा था जम्मू-कश्मीर? इस सीरीज़ में वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र तिवारी से सुनिए कश्मीर की अनसुनी कहानियाँ। 'सत्य हिंदी' पर पेश है इसकी तीसरी कड़ी।
कश्मीर में सड़कों पर खुली आज़ादी नहीं थी। कर्फ़्यू के हालात थे। बाजार पूरे नहीं खुले थे। टेलीफ़ोन, मोबाइल क़रीब-क़रीब ठप्प थे। आशंकाओं और संदेह के बादल छाए थे। इन्हीं बादलों के तले लोगों ने कश्मीरियों ने ईद मनाई।