अनुच्छेद 370 में बदलाव के 42 दिन बाद भी न तो सामान्य स्थिति बहाल हुई है और न ही लोगों में गिरफ़्तारी का ख़ौफ़ कम हुआ है। गिरफ़्तारी की जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है?
जम्मू-कश्मीर में 18 वर्षीय किशोर असरार अहमद की मौत हो गई है। सरकार ने इसकी पुष्टि कर दी है। उसके पिता का कहना है कि पेलेट गन और आँसू गैस के खोखे की चोट से मौत हुई है, पुलिस इससे इनकार करती है।
जम्मू-कश्मीर में सेना भर्ती निकली तो क़रीब 29 हज़ार युवाओं ने आवेदन किया है। पहले दिन रियासी ज़िले में लगे भर्ती शिविर में भारी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया।
लगभग चार हफ़्ते बाद भी माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की तो चिंता है ही लेकिन उनकी सुरक्षा की भी चिंता है।
अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद ऐसे हज़ारों लोग हैं जो अपनों से संपर्क तक नहीं साध पा रहे हैं। हज़ारों लोग गिरफ़्तार किए गए। ऐसी रिपोर्टें हैं कि इन्हें गिरफ़्तार कर जम्मू-कश्मीर से बाहर लखनऊ, वाराणसी और आगरा भेजा गया है।