उमर अब्दुल्ला ने बीते दिनों में मुल्क की सियासत में उठे सांप्रदायिक मसलों को लेकर बेहद तल्खी के साथ अपनी बात रखी है। जानिए उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने, हलाल मीट को लेकर क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी की जम्मू में यात्रा से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है तो फिर किस तरह के विस्फोट की ख़बर है? दो दिन पहले आतंकियों से मुठभेड़ भी हुई थी।
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को ही जम्मू की यात्रा पर जाने वाले हैं और आज वहाँ बड़ी मुठभेड़ हुई है। क्या कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह मुठभेड़ चिंता की बड़ी वजह नहीं है?
जम्मू कश्मीर में पिछले 24 घंटे में 4 आतंकवादी घटनाएँ घटी हैं और इनमें से एक में कश्मीरी पंडित को निशाना बनाया गया है? क्या उनमें ऐसे कभी विश्वास बहाल हो पाएगा?
कश्मीरी पंडितों के पलायन के 32 साल बाद भी उनकी दुर्दशा बनी हुई है। इस मुद्दे को हिंदुत्व से जोड़कर क़रीब-क़रीब हर चुनाव में उठाया जाता रहा है। लेकिन क्या उनकी स्थिति बदली? क्या वे कश्मीर घाटी में वापस लौट पाए?
हैदरपोरा में एनकाउंटर 15 नवंबर को हुआ था और इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने मांग की थी कि इस एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
जम्मू- कश्मीर की ज़्यादातर पार्टियों ने राज्य परिसीमन आयोग के मसौदा प्रस्ताव को क्यों खारिज कर दिया? क्या यह सचमुच बीजेपी के राजनीतिक मक़सद को पूरा करता है?