असंवैधानिक!
सारा ने याचिका में कहा है कि उमर को नज़रबंद रखना अभिव्यक्ति की आज़ादी के साथ दूसरे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। यह ‘राजनीतिक विरोध की तमाम आवाज़ों को कुचलने की सोची समझी और लगातार कोशिश है।’सारा अब्दुल्ला पायलट ने याचिका में कहा, सरकार का आदेश भारत राज्य की उस सरकारी नीति को दर्शाता है जिसमें यह माना जाता है कि एक का विरोध दूसरे के लिए ख़तरा है। यह लोकतांत्रिक राजनीति के उलट है और भारतीय संविधान का उल्लंघन है।
महबूबा की बेटी ने दिया जवाब
महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिज़ा मुफ़्ती ने अपनी माँ पर पीएसए लगाने के पीछे सरकार के दिए आरोपों का ज़ोरदार जवाब दिया है। उन्होंने पुलिस की ओर से दायर मामले में हर बिन्दु पर जवाब दिया है।इल्तिज़ा का पलटवार
इल्तिज़ा मुफ़्ती फ़िलहाल अपनी माँ का ट्विटर हैंडल संभालती हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ‘पीडीपी प्रमुख पर पीएसए इसलिए लगा दिया गया कि उन्होंने उस ग़ैरक़ानूनी बॉन्ड पर दस्तख़त करने से इनकार कर दिया था, जिसमें यह कहा गया था कि अनुच्छेद 370 ख़त्म करने के ख़िलाफ़ वह कुछ नहीं करेंगी।’Believe it or not but PSA dossier drafted on instructions of MHA on Ms Mufti ,a former J&K CM states the following-
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 9, 2020
‘The subject is referred for her dangerous & insidious machinations & usurping profile & nature as ‘Daddy’s girl’
इल्तिज़ा ने कहा कि सरकार को इसका पुख़्ता सबूत देना होगा कि महबूबा ने भड़काऊ बयान दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी के नेताओं ने नारे लगाए, देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को, और उसके बाद गोलियाँ चली हैं।
अपनी राय बतायें