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पायलट की बग़ावत को उनकी रिहाई से जोड़ने पर सीएम भूपेश बघेल पर भड़के उमर

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की कांग्रेस पार्टी से बग़ावत को उनकी या उनके पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला की रिहाई से जोड़ने पर नेशनल कॉन्फ़्रेन्स के नेता उमर अब्दुल्ला भड़क गए हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि वह इस मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करेंगे। पायलट की शादी उमर अब्दुल्ला की बहन सारा से हुई है और इसलिए रिश्ते में वह उमर के जीजा हैं। 

बघेल ने एक इंटरव्यू के दौरान बीजेपी और सचिन पायलट के बीच उमर अब्दुल्ला की जल्द रिहाई को लेकर डील होने की ओर इशारा किया था। बघेल ने कहा था, ‘मैं राजस्थान में हो रहे घटनाक्रमों पर नज़र रख रहा हूं। लेकिन एक बात को लेकर हर किसी को उत्सुकता हो सकती है कि उमर को क्यों छोड़ा गया। उन पर और महबूबा मुफ़्ती दोनों पर एक ही क़ानून के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था। वह अभी भी अन्दर हैं जबकि उमर बाहर हैं। क्या यह इस वजह से है कि अब्दुल्ला सचिन पायलट के जीजा हैं।’ 

दूसरी ओर, कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने बीजेपी पर गहलोत सरकार को गिराने की साज़िश रचने और इसमें सचिन पायलट के शामिल होने का आरोप लगाया है। 

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बघेल का यह बयान सामने आने के बाद उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं इस तरह के झूठे आरोपों से तंग आ चुका हूं कि सचिन पायलट जो कुछ कर रहे हैं, उसका मेरी और मेरे पिता की रिहाई से कुछ लेना-देना है। बस, बहुत हो चुका।’

उन्होंने भूपेश बघेल को चेतावनी देते हुए लिखा है कि अब उनके वकील ही उनसे बात करेंगे। उमर ने अपने ट्वीट में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को भी टैग किया है। 

नेशनल कॉन्फ़्रेन्स ने अपने बयान में कहा है, ‘इस तरह के बयान राजनीति से प्रेरित हैं और पार्टी ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज करती है। यह बयान पूरी तरह उमर की छवि को नुक़सान पहुंचाने वाला है। राजस्थान की राजनीति से कश्मीर का कनेक्शन जोड़ना ग़लत है।’ 

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से ही पहले हिरासत और फिर राजनीतिक नज़रबंदी में रहे उमर अब्दुल्ला को मार्च के आख़िरी दिनों में रिहा कर दिया गया था। उमर से दो हफ़्ते पहले उनके पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला को भी रिहा कर दिया गया था। 

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उमर अब्दुल्ला पर सरकार ने पब्लिक सेफ़्टी एक्ट (पीएसए) लगाया था। उमर कुल 232 दिन तक हिरासत और नज़रबंदी में रहे थे। उमर की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने भाई को रिहा किये जाने की मांग की थी। 

पीएसए के तहत आतंकवादियों, अलगाववादियों और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंकने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाती रही है। यह पहली बार हुआ था जब मुख्यधारा के राजनेताओं पर पीएसए लगाया गया। 

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क़मर वहीद नक़वी
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