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हेमंत सोरेन
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जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता निर्मल सिंह को आदेश दिया है कि वे अपने बंगले को ध्वस्त कर दें। यह बंगला जम्मू के नगरोटा इलाक़े में बना है। जेडीए का कहना है कि इसे बिना इजाजत के बनाया गया है। इस बंगले के पास ही सेना के गोला बारूद का सब-डिपो भी है।
जेडीए की ओर से जारी आदेश में निर्मल सिंह की पत्नी ममता सिंह का भी नाम है। जेडीए ने कहा है कि दोनों लोग इस आदेश के जारी होने के पांच दिन के अंदर बंगले को ढहा दें। आदेश 8 नवंबर को जारी किया गया है।
जेडीए ने चेतावनी दी है कि यदि वे दिए गए वक़्त के भीतर इस अवैध निर्माण को नहीं गिराते हैं तो प्राधिकरण इसे ख़ुद ही गिरा देगा और गिराने में आया ख़र्च भी उनसे ही वसूल किया जाएगा।
निर्मल सिंह ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि वे इस आदेश को अदालत में चुनौती देंगे। आदेश में जेडीए ने कहा है कि निर्मल सिंह को नोटिस जारी किया गया था लेकिन उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया। नोटिस में उनसे इस निर्माण को गिराने के लिए कहा गया था।
निर्मल सिंह का कहना है कि उन्हें ऐसा लगता है कि ऐसा करना कुछ लोगों के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है। उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जम्मू में हज़ारों की संख्या में मकान बन रहे हैं लेकिन एक जिहादी ग्रुप उनके पीछे पड़ा हुआ है। हालांकि बीजेपी नेता ने कौन सा जिहादी ग्रुप है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
उन्होंने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि बठिंडी इलाक़े में पूर्व मुख्यमंत्रियों फ़ारूक़ अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के घर बने हुए हैं लेकिन सिर्फ़ उन्हें ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। निर्मल सिंह का यह बंगला 2 हज़ार स्क्वायर फ़ीट में बना है और वे इस साल 23 जुलाई को इसमें आए थे।
राज्य के हाई कोर्ट ने मई, 2018 में आदेश दिया था कि रक्षा प्रतिष्ठानों के 1 हज़ार गज के अंदर आम लोगों का कोई निर्माण कार्य न हो। इससे पहले सरकार की ओर से 2015 में इससे जुड़ा नोटिफ़िकेशन जारी किया गया था और अदालत ने इसे तामील करवाने का ही आदेश सरकारी एजेंसियों को दिया था।
हाई कोर्ट ने यह आदेश केंद्र सरकार की ही याचिका पर दिया था जिसमें केंद्र सरकार ने नगरोटा के रक्षा प्रतिष्ठान के पास बन रहे इस बंगले के निर्माण को अदालत में चुनौती दी थी। यह बंगला रक्षा प्रतिष्ठान यानी सब-डिपो की दीवार से 580 मीटर दूर था।
निर्मल सिंह के बंगले का काम अक्टूबर, 2017 में शुरु हुआ था और तब भी सेना ने इसे रोकने के लिए कहा था। निर्मल सिंह उस वक़्त राज्य के उप मुख्यमंत्री थे। इस साल सितंबर में जम्मू-कश्मीर के प्रशासन ने एक आरटीआई के जवाब में इस निर्माण को अवैध घोषित किया था।
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