राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर में कई इलाक़ों पर छापे मारे हैं। आतंकवादी गुटों को पैसे मुहैया कराने के एक मामले की जाँच के तहत यह छापामारी की जा रही है। रिसर्च एंड एनलिसिस विंग (रॉ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के लोग भी इसमें शामिल हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने 'एनडीटीवी' से कहा है कि राज्य के लोगों के ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन और टेरर-फंडिंग के मामले की जाँच के तहत यह कार्रवाई की जा रही है। इस टेरर फंडिंग में दूसरे देशों के भी कुछ लोग शामिल हैं।
एनआईए ने दावा किया है कि इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।
नौकरी से बर्ख़ास्त
इसके पहले राज्य के 11 कर्मचारियों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया, इनमें आतंकवादी गुट हिज़बुल मुजाहिदीन के कमांडर सलाहुद्दीन के दो बेटे भी शामिल हैं।
एनआईए के एक अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा, 'इन लोगो ने पैसे उगाहने, एकत्रित करने, हिज़बुल मुजाहिदीन से हासिल करने और दूसरों को भेजने का काम किया है।'
बर्खास्त किये गये कर्मचारी शिक्षा, पुलिस, कृषि, कौशल विकास, बिजली, स्वास्थ्य विभाग और शेर- ए- कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से थे।
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इन 11 कर्मचारियों में अनंतनाग से चार, बडगाम से तीन और बारामूला, श्रीनगर, पुलवामा व कुपवाड़ा से एक-एक हैं।
इन कर्मचारियों को संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत बर्ख़ास्त किया गया है। इन धाराओं के तहत जाँच अनिवार्य नहीं होता है।
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