गो रक्षा के नाम पर एक और मुसलिम शख़्स को पीटे जाने की घटना हुई है। यह घटना जम्मू के रियासी जिले के गरी गब्बर गांव में हुई है। शख़्स को बुरी तरह पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
वीडियो में दिख रहा है कि मोहम्मद असगर नाम के युवक को गो रक्षकों की भीड़ बुरी तरह पीटती है और जब तक वह बेसुध हो चुका होता है, तब एक पुलिसकर्मी वहां पहुंचता है। असगर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसे गंभीर चोटें आई हैं। गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले असगर चरवाहे का काम करते हैं।
Cow vigilantes are having a free run in Jammu and Kashmir.
— Raqib Hameed Naik (@raqib_naik) August 15, 2020
Earlier today, in District Reasi, Mohd Asger was brutalized by Sanghi thugs while he was grazing cattle.
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यह घटना इसलिए हुई क्योंकि असगर के बेटे ने उनके खेत में घुसी कुछ गायों को भगा दिया था। ये गायें उनकी फसल को खा रही थीं। भगाने के दौरान एक गाय को चोट लग गई थी। इस पर गांव के लोगों और मुखिया ने बैठक बुलाई और असगर और उसके बेटे से बैठक में आने के लिए कहा।
गुर्जर समुदाय के मलिक अब्बास ने न्यूज़ 18 को बताया कि जब अगसर और उसका बेटा जावीद बैठक में पहुंचे तो गो रक्षकों ने उन पर हमला कर दिया। असगर के भाई मुश्ताक अहमद ने कहा कि 60 से ज़्यादा लोगों ने हमला किया।
रियासी जिले के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मुक़दमा दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि किसी ने जानबूझकर गाय पर तेज़ धारदार हथियार से हमला किया था। असगर के 16 साल के बेटे को इस मुक़दमे का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा पुलिस ने दो और मुक़दमे दर्ज किए हैं और कई अभियुक्तों को पकड़ लिया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि गो रक्षकों के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज किया गया है।
इससे पहले भी गो रक्षकों ने अप्रैल, 2017 में इस इलाक़े में गुर्जर समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया था। गो रक्षकों ने 70 साल के व्यक्ति और उनके परिवार को पीटा था और उनके टिन शेड में तोड़फोड़ की थी। गो रक्षकों ने उन पर जानवरों की तस्करी का आरोप लगाकर खूब हंगामा काटा था। जम्मू में गुर्जर समुदाय परंपरागत रूप से जानवरों को पालने और इनके दूध का काम करता है।
गो रक्षा के नाम पर इस तरह की गुंडई की ख़बरें अब आम हो गई हैं। कुछ दिन पहले ही दिल्ली से सटे गुड़गांव में गो रक्षकों ने हैवानियत का नंगा नाच दिखाया था।
लुकमान को पीटा
गो रक्षकों ने एक पिक-अप (छोटा ट्रक) को रोककर उसके ड्राइवर लुकमान को बुरी तरह पीटा था। गो रक्षकों को शक था कि लुकमान गो मांस की सप्लाई कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि इस दौरान वहां पुलिस भी मौजूद थी।
इस दौरान गो रक्षकों ने लुकमान के शरीर पर भी हथौड़े से लगातार कई वार किए थे और उसे मार-मारकर अधमरा कर दिया था। बुरी तरह से घायल लुकमान की बिस्तर पर पड़े होने की फ़ोटो वायरल हुई थी। इस पिक अप के मालिक का कहना था कि वे पिछले 50 साल से भैंस के मीट का कारोबार कर रहे हैं।
अख़लाक़ की हत्या
कथित गो रक्षकों की गुंडई का यह सिलसिला 2015 में ग्रेटर नोएडा में एक बुजुर्ग अख़लाक़ को पीट-पीटकर मार डालने से शुरू हुआ था। अखलाक़ को सिर्फ़ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया था क्योंकि गो रक्षकों को इस बात का शक था कि उसके फ्रिज में गो मांस रखा है।कई घटनाएं हुईं
2019 में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में कथित गो रक्षकों द्वारा पशुओं को ख़रीद कर ला रहे 24 लोगों को बंधक बनाकर पीटा गया था। कथित गो रक्षकों ने इन लोगों से ‘गो माता की जय’ के नारे भी लगवाये थे।
अंत में यही कहा जा सकता है कि इन गो रक्षकों को क़ानून नाम की किसी चीज से न तो कोई मतलब है और न इसका डर। आए दिन किसी को भी गो मांस ले जाने के शक में या गो रक्षा के नाम पर पीट देना कहां का इंसाफ़ है। अख़लाक से लेकर पहलू ख़ान और लुकमान से लेकर असगर तक सैकड़ों ऐसे लोग हैं, जिन्हें इन गो रक्षकों की गुंडई का शिकार होना पड़ा। लगता नहीं है कि ये गो रक्षक कभी क़ानून को मानेंगे और लोगों को ही पिटने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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