जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अनंतनाग में स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर में रविवार को पूजा की थी। लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने इस पर आपत्ति जताई है। एएसआई ने अनंतनाग के जिला प्रशासन से कहा है कि यह नियमों का उल्लंघन है। हालांकि एएसआई की ओर से इस बारे में कोई लिखित शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है।
यह मंदिर एएसआई के द्वारा संरक्षित स्थल है और नियमों के मुताबिक एएसआई के द्वारा संरक्षित स्थलों में किसी भी तरह की धार्मिक प्रार्थना या धार्मिक कार्यक्रम नहीं किया जा सकता है।
एएसआई ने कहा है कि उससे मंदिर परिसर में धार्मिक कार्यक्रम किए जाने के लिए पूर्व में अनुमति नहीं मांगी गई थी। एएसआई ने अनंतनाग के जिला प्रशासन से कहा है कि इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि आगे से नियमों का उल्लंघन ना हो।
हालांकि जम्मू-कश्मीर के प्रशासन ने नियमों के उल्लंघन के आरोपों को नकार दिया है। प्रशासन ने कहा है कि उपराज्यपाल को मार्तंड सूर्य मंदिर में पूजा करने के लिए किसी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं थी।
अनंतनाग के उपायुक्त डॉ. पीयूष सिंगला ने कहा है कि 1959 के प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम के नियम 7 (2) के तहत पूजा के कार्यक्रम की अनुमति दी गई थी।
जबकि इस अधिनियम के नियम 7 (1) के अनुसार, केंद्र सरकार की लिखित अनुमति के बिना संरक्षित स्मारक पर बैठकें, पार्टियां, मनोरंजन कार्यक्रम या सम्मेलन आयोजित नहीं किए जा सकते।
द ट्रिब्यून के मुताबिक, एएसआई के एक पूर्व अफसर ने कहा कि केवल ऐसे संरक्षित स्थलों पर ही पूजा और प्रार्थना की अनुमति दी जाती है जो एएसआई के द्वारा इन्हें अपने संरक्षण में लेने के दौरान धार्मिक रूप से सक्रिय थे यानी इनमें उस दौरान धार्मिक कार्यक्रम हो रहे थे। उन्होंने जामिया मस्जिद, श्रीनगर और फतेहपुर सीकरी मस्जिद का उदाहरण दिया, जिन्हें एएसआई ने जिस समय अपने कब्जे में लिया था उस समय वे प्रार्थना स्थल थे।
इससे पहले बीते शुक्रवार को भी 100 से ज्यादा हिंदू तीर्थयात्रियों ने मार्तंड सूर्य मंदिर में पूजा की थी।
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