ये हैं बैठक में मौजूद
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेन्स के अध्यक्ष फारूक़ अब्दुल्ला, नेशनल कॉन्फ्रेन्स के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती, पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, कांग्रेस नेता तारा चंद, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर, पीपल्स कॉन्फ्रेन्स के अध्यक्ष सज्जाद लोन और नेता मुज़फ्फर हुसैन बेग, जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ़ बुखारी, वरिष्ठ सीपीएम नेता यूसुफ़ तारीगामी, जम्मू और कश्मीर पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष भीम सिंह मौजूद हैं।
जबकि दूसरी ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और बीजेपी नेता जितेंद्र सिंह भी बैठक में मौजूद हैं।
इस बैठक से पहले जम्मू और कश्मीर के बीजेपी नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात की जबकि कांग्रेस के नेताओं की भी एक बैठक हुई। गृह मंत्री अमित शाह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे।
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माना जा रहा है कि मरकज़ी हुक़ूमत राज्य के भीतर विधानसभा के चुनाव कराना चाहती है और इस दिशा में चर्चा हो सकती है। हालांकि विधानसभा चुनाव कराने में वक़्त लगेगा क्योंकि राज्य में विधानसभा सीटों का परिसीमन होना है और इसे लेकर भी बैठक में बात हो सकती है।
बुधवार को चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के 20 उपायुक्तों के साथ बैठक की है। ताज़ा हालात में जम्मू-कश्मीर में 107 सीटें हैं जिन्हें बढ़ाकर 114 तक किया जा सकता है। इसमें पाक अधिकृत कश्मीर की 24 सीटें भी शामिल हैं।
कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा सहित सुरक्षा और ख़ुफ़िया विभाग के अफ़सरों के साथ बैठक की थी।
गुपकार गठबंधन
जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए राज्य के 5 राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर पीपल्स अलायंस फ़ॉर गुपकार डेक्लेरेशन या गुपकार गठबंधन को क़ायम किया है। इसमें शामिल दलों का कहना है कि 5 अगस्त, 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर की जो स्थिति थी, उसे फिर से बहाल करने के लिए यह गठबंधन संघर्ष कर रहा है।
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