कांग्रेस छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के समर्थन में जम्मू-कश्मीर में कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक सहित प्रदेश कांग्रेस में अहम पदों पर रहे नेता शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने हैं और गुलाम नबी आजाद ने एलान किया है कि वह अपनी पार्टी बनाएंगे। यह तय है कि गुलाम नबी आजाद की पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा देने के साथ ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमले किए थे। आजाद ने पार्टी छोड़ने के पीछे राहुल गांधी को ही जिम्मेदार बताया है। जम्मू-कश्मीर से कई बड़े कांग्रेस नेता शुक्रवार को दिल्ली आए और आजाद से मुलाकात की।
आजाद के समर्थन में कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं में पूर्व मंत्री आरएस चिब, जी एम सरूरी अब्दुल राशिद, पूर्व विधायक मोहम्मद अमीन भट, गुलज़ार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व एमएलसी नरेश गुप्ता और पार्टी के मीडिया चेहरे सलमान निजामी ने भी गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
पूर्व मंत्री आरएस चिब ने अपने इस्तीफे के पत्र में कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुलाम नबी आजाद जैसा नेता चाहिए जो उन्हें बेहतर भविष्य का रास्ता दिखा सके। चिब ने कहा है कि उन्हें ऐसा लगता है कि कांग्रेस अपनी भूमिका को सही ढंग से नहीं निभा पा रही है।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष जीएम सरूरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुलाम नबी आजाद की सेवाओं की जरूरत है।
आजाद जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष रहने के साथ ही मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार में कई बार मंत्री, कई राज्यों में कांग्रेस के प्रभारी, कांग्रेस में फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था सीडब्ल्यूसी के लंबे वक्त तक सदस्य, राज्यसभा में विपक्ष के नेता, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सहित तमाम बड़े पदों पर रह चुके हैं।
आजाद के पास सियासत का विशाल अनुभव है और जम्मू-कश्मीर में उनके समर्थकों की भी बड़ी फौज है। ऐसे में जब वह अपनी पार्टी का एलान करेंगे तो माना जा रहा है कि कई और कांग्रेस नेता उनके साथ जाएंगे और निश्चित रूप से इससे राज्य के अंदर कांग्रेस को बड़ा झटका लगेगा।
G-23 गुट के नेता छोड़ेंगे कांग्रेस?
आजाद ने कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की प्रचार कमेटी का अध्यक्ष पद भी छोड़ दिया था और तब उनके समर्थकों का कहना था कि आजाद का अपमान हुआ है। आजाद कांग्रेस में बागी नेताओं के गुट G-23 के नेता रहे हैं और यह माना जा रहा है कि उनके पार्टी छोड़ने के बाद इस गुट के कुछ और नेता पार्टी छोड़ सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर में 2019 में धारा 370 के हटने के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं और उसके बाद पहली बार राज्य में विधानसभा के चुनाव होंगे। देखना होगा कि गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचाते हैं।
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