जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के एक साल पूरे होने के मौक़े पर चीन ने इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यह प्रतिक्रिया ऐसे वक़्त में आई है जब भारत के साथ सीमा पर बीते कई महीनों से दोनों देशों के बीच विवाद चल रहा है।
चीन ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को लेकर भारत की ओर से उठाया गया क़दम अवैध और अमान्य है। इस भाषा पर आप अगर ग़ौर करें तो यह वही भाषा है, जो पाकिस्तान पिछले एक साल से बोल रहा है। चीन कह चुका है कि वह चट्टान की तरह पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा और ऐसा उसने कई मौक़ों पर किया भी है।
चीन ने पिछले साल भी अनुच्छेद 370 को लेकर विरोध दर्ज कराया था और इस मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तक ले जाने में पाकिस्तान की मदद की थी।
पाकिस्तान की मीडिया की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जम्मू-कश्मीर की यथास्थिति में किसी भी तरह के एकतरफ़ा बदलाव के विरोध के अपने बयान को दोहराया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को कहा, ‘चीन कश्मीर के हालात पर लगातार नज़र बनाए रखता है। इस मामले में हमारा रुख पूरी तरह साफ है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास के समय से छोड़ा हुआ विवाद है और यह यूएन चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और भारत और पाकिस्तान के बीच हुए द्विपक्षीय समझौतों के द्वारा स्थापित तथ्य है।’ प्रवक्ता ने कहा कि यथास्थिति में कोई भी एकतरफ़ा बदलाव अवैध और अमान्य है।
दख़लअंदाजी न करे चीन
भारत ने चीन के बयान को तुरंत खारिज किया और कहा कि चीन का इसमें दख़ल देने का कोई अधिकार नहीं बनता है। भारत ने चीन को सलाह दी कि वह दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दख़लअंदाजी न करे। हालांकि प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कश्मीर के मुद्दे को बातचीत और विचार-विमर्श के जरिये शांतिपूर्वक ढंग से सुलझाया जाना चाहिए।
पिछले साल भी बीजिंग की ओर से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के विरोध में टिप्पणी की गई थी। हालांकि इस बार उसके बयान में लद्दाख का जिक्र नहीं है।
पाकिस्तान की गीदड़ भभकी पर चुप्पी
चीनी प्रवक्ता ने पाकिस्तान के नए नक्शे को लेकर पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया। हाल ही में इमरान ख़ान की कयादत वाली पाकिस्तानी सरकार ने देश का नया नक्शा जारी किया है। इस नक्शे में कश्मीर को अपना इलाक़ा बताया गया है। इसके अलावा लद्दाख और सियाचिन को भी पाकिस्तान ने अपना इलाक़ा बताया है। बताया गया है कि इस नक्शे को पाकिस्तान की सभी सियासी जमातों का समर्थन मिला है।
माना जा रहा है कि चीन के साथ सीमा पर चल रही तनातनी के बीच पाकिस्तान ने भी भारत को गीदड़ भभकी देने की कोशिश की है। भारत के वायुसेना बेड़े में जब से ताक़तवर और कई तरह की सलाहियत रखने वाला रफ़ाल लड़ाकू विमान शामिल हुआ है, तब से दुश्मन मुल्क हताश है और माना जा रहा है कि इसी हताशा में उसने यह क़दम उठाया है।
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