गृहमंत्री अमित शाह जिन्हें 'गुपकार गैंग' कहते हैं और आरोप लगाते हैं कि ये लोग जम्मू-कश्मीर में विदेशी हस्तक्षेप चाहते हैं और तिरंगे का अपमान करते हैं, उन्हीं लोगों के साथ मिल कर वे ज़िला विकास परिषद का चुनाव भी लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वे इस गैंग में शामिल होने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से सवाल पूछते हैं। पर उनका दोमुहांपन इससे साफ है कि खुद उनकी पार्टी बीजेपी इस समूह में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिल कर लद्दाख पर्वतीय परिषद में पहले से ही है।
बता दें कि पीपल्स अलायंस फ़ॉर गुपकार डेक्लेरेशन 6 राजनीतिक दलों का संगठन है जो 5 अगस्त 2019 के पहले की जम्मू-कश्मीर की स्थिति की बहाली के लिए कृत-संकल्प हैं। वह राज्य की स्वायत्तता की माँग भी करता है। इस समूह में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, जम्मू-कश्मीर पीपल्स कांफ्रेंस, आवामी नेशनल कांफ्रेंस और सीपीआईएम शामिल हैं।
अमित शाह ने बुधवार को ट्वीट कर आपत्तिजनक बातें कहीं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘गुपकार गैंग ग्लोबल बनता जा रहा है। वे लोग चाहते हैं कि विदेशी ताक़तें जम्मू-कश्मीर में हस्तक्षेप करें, गुपकार गैंग भारत के तिरंगे का भी अपमान करता है। क्या सोनिया और राहुल गांधी गपुकार गैंग के कदमों का समर्थन करते हैं? कांग्रेस और गपुकार गैंग जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और तबाही की वापसी चाहते हैं।’
इतना ही नहीं, क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “फ़ारूक अब्दुल्ला को अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए चीन की मदद लेने से कोई संकोच नहीं है। महबूबा मुफ़्ती कहती हैं कि जब तक जम्मू-कश्मीर का झंडा बहाल नहीं होता, वह तिरंगा नहीं फहराएंगी। कांग्रेस स्पष्ट करे कि क्या वह गुपकार गैंग का समर्थन करती है।”
लद्दाख में एनसी के साथ बीजेपी
बीजेपी ने लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद का चुनाव नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिल कर लड़ा था और दोनों उसमें सत्ता की साझेदारी कर रहे हैं। लद्दाख से बीजेपी सांसद लद्दाख बीजेपी के प्रमुख जामयांग त्सेरिंग नामग्याल ने बीजेपी के साथ होने की बात खुले आम स्वीकार की और कहा,
“
“यह तो खुले आम है और सबको पता है, इसमें नया कुछ नहीं है। बीजेपी गठबंधन में है, खुल कर है, आगे भी रहेगी। हम अलायंस में हैं, तो हैं।”
जामयांग त्सेरिंग नामग्याल, बीजेपी सासंद
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अगला चुनाव भी बीजेपी नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिल कर ही लड़ेगी। वे यह ज़रूर कहते हैं कि कारगिल नेशनल कांफ्रेंस का फ़ारूक़ अब्दुल्ला से कोई मतलब नहीं, यह अलग ईकाई है। पर उनकी यह बात सफेद झूठ है।
लद्दाख अटॉनॉमस हिल डेवलपमेंट कौंसिल के चीफ एक्ज़क्यूटिव कौंसिलर फ़िरोज ख़ान इससे इनकार करते हैं। वह साफ कहते हैं, “यह ईकाई फ़ारूक़ अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली नेशनल कांफ्रेंस की ही ईकाई है और दोनों में कोई अंतर नहीं है।”
क्या कहा सुरजेवाला ने?
बीजेपी के हमलों से परेशान कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं है। लेकिन यह सच नहीं है।सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव कराने की पक्षधर है और इसी उद्देश्य से वह डीडीसी के चुनाव लड़ रही है ताकि बीजेपी के जनविरोधी चेहरे को बेनकाब कर सके।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में डीडीसी के अलावा, पंचायत और स्थानीय निकायों के उपचुनाव भी होने हैं। ये चुनाव 28 नवंबर से 24 दिसंबर के बीच आठ चरणों में होंगे। डीडीसी के चुनावों में
गुपकार गठबंधन मिलकर अपने उम्मीदवार उतार रहा है और उसका सीधा मुक़ाबला बीजेपी से है।
गुपकार गठबंधन ने मंगलवार को डीडीसी के तीसरे चरण के चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे का एलान कर दिया। तीसरे चरण में 16 सीटों के लिए चुनाव होगा। इनमें से पीडीपी 8, नेशनल कांफ्रेंस 6, जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स कांफ्रेंस और अवामी नेशनल कांफ्रेंस1-1 सीट पर चुनाव लड़ेंगे। पीएजीडी के प्रवक्ता सज्जाद गनी लोन ने यह जानकारी दी।
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