loader
सेना में भर्ती। (प्रतीकात्मक तसवीर)

सेना भर्ती के लिए जम्मू-कश्मीर के 29 हज़ार युवाओं ने किया आवेदन

अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर में बनी असामान्य स्थिति के बीच जब सेना में भर्ती निकली तो क़रीब 29 हज़ार युवाओं ने आवेदन किया। अब टेस्ट के लिए 3 से 9 सितंबर तक रोज़ अलग-अलग ज़िलों से युवाओं को बुलाया जाएगा। पहले दिन यानी मंगलवार को रियासी ज़िले में लगे भर्ती शिविर में भारी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया। इसमें रियासी के साथ-साथ पुंछ, राजोरी, उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन ज़िले के युवा शामिल हुए। अनुच्छेद 370 में फेरबदल और 35ए को हटाए जाने के बाद पहली ऐसी किसी भर्ती का आयोजन किया गया और इसमें युवाओं की इतनी बड़ी संख्या दिखी। अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर में कई इलाक़ों में अभी भी पाबंदी लगी है, संचार सेवाएँ पूरी तरह बहाल नहीं हुई हैं और स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हुई है।

ताज़ा ख़बरें

इन्हीं परिस्थितियों में हुए सेना भर्ती में युवाओं के बड़ी संख्या में शामिल होने से एक अलग तसवीर उभरती है। यह तसवीर इसलिए अलग दिखती है क्योंकि कई ऐसी रिपोर्टें आई हैं जिसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद ग़ुस्सा है। कई जगह प्रदर्शन की ख़बरें आई हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में घाटी में बड़े स्तर पर प्रदर्शन की रिपोर्टें भी छपी हैं। इधर मंगलवार को सेना में भर्ती के बाद कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि सेना में शामिल होने के लिए युवाओं में काफ़ी उत्साह रहा। इन रिपोर्टों के अनुसार, सेना भर्ती में शामिल होने आए रामबन और किश्तवाड़ के युवाओं का कहना था कि वे सेना में शामिल होकर पाकिस्तान को मुँहतोड़ जवाब देंगे।

इधर तीन दिन पहले शनिवार को ही पासिंग आउट परेड में जम्मू-कश्मीर के 575 युवा अपनी ट्रेनिंग पूरी कर भारतीय सेना में शामिल हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर से और ख़बरें

बता दें कि अनुच्छेद 370 में बदलाव और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बाँटने के फ़ैसले के पहले ही कई तरह की पाबंदियाँ लगा दी गई थीं। पूरे क्षेत्र में बड़ी तादाद में सशस्त्र बलों को तैनात किया गया। राज्य के सभी बड़े नेताओं को पहले नज़रबंद किया गया था, लेकिन बाद में गिरफ़्तार कर लिया गया। लोगों की आवाजाही पर भी पाबंदी लगा दी गई। फ़ोन लाइन बंद कर दी गईं और इंटरनेट सेवाएँ भी ठप्प कर दी गईं। हालाँकि कई क्षेत्रों में इन सेवाओं को धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है।

जम्मू कश्मीर योजना आयोग के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने सोमवार को कहा कि 26 हज़ार से अधिक लैंडलाइन फ़ोन घाटी में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही जम्मू और लद्दाख में लैंडलाइन और मोबाइल सेवा पूरी तरह से चालू है। 92 पुलिस थानाक्षेत्रों से दिन के प्रतिबंध को पूरी तरह से हटा लिया गया है। हालाँकि इसके बावजूद अभी भी कई क्षेत्रों में पाबंदी है और स्थिति सामान्य नहीं है। नेताओं को अभी नज़रबंद रखा गया है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें