कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
पीछे
कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
पीछे
गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर
पीछे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन के कश्मीर दौरे पर हैं। शाह ने इस दौरान श्रीनगर में सुरक्षा अधिकारियों की बैठक ली। अगस्त, 2019 में धारा 370 की समाप्ति के बाद शाह का यह पहला जम्मू-कश्मीर दौरा है।
बीते कुछ दिनों में जिस तरह कश्मीर में आतंकवादियों ने कई लोगों को मौत के घाट उतारा है, उससे एक बार फिर घाटी में आतंकवाद का दौर लौटने की आशंका जताई जा रही है।
इसे लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार भी बेहद चिंतित है। तमाम विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वह बताए कि धारा 370 हटने के बाद भी आतंकवाद ख़त्म क्यों नहीं हुआ।
अमित शाह ने अपने दौरे की शुरुआत शहीद इंस्पेक्टर परवेज़ अहमद डार के घर जाकर की। शाह ने उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी से जुड़े कागज़ सौंपे। परवेज़ की बीते महीने आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। शाह के साथ उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और डीजीपी दिलबाग सिंह भी मौजूद रहे।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि इस दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने शाह के सामने अपना पक्ष रखा है कि आख़िर सुरक्षा बलों की इतनी भारी तैनाती के बाद भी रैडिकलाइजेशन और आतंकवाद का ख़तरा क्यों बढ़ रहा है।
कश्मीर में इस साल आतंकवादी अब तक 32 नागरिकों की हत्या कर चुके हैं जबकि बीते साल 41 लोगों की हत्या हुई थी। बताना होगा कि बीते कुछ दिनों में आतंकवादियों ने कश्मीर में कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। इनमें कुछ लोग बिहार के भी हैं। इससे पहले श्रीनगर में माखन लाल बिंदरू की हत्या के दो दिन बाद ही आतंकवादियों ने दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी। बिहार के वीरेंद्र पासवान की भी श्रीनगर के लाल बाज़ार में हत्या कर दी गई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने ‘आज तक’ से बातचीत में कहा कि शाह आकर लोगों से बात करें और देखें कि कश्मीर में हालात कैसे हैं। कश्मीर में हाल ही में हुई हत्याओं के सवाल पर फ़ारूक़ ने कहा, “जो लोग यह कहते थे कि धारा 370 ख़त्म करने के बाद हालात अच्छे हो गए हैं, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए कि हालात ठीक हैं या नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि जब तक कश्मीर में धारा 370 और इसका पूर्ण राज्य का दर्जा वापस नहीं होगा, तब तक यहां अमन कायम नहीं हो सकता। फ़ारूक़ ने कहा कि बीजेपी लोगों को हिंदू-मुसलमान के नाम पर बांट रही है।
जम्मू कश्मीर में बीते कुछ दिनों में कई बार सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो चुकी है। पुंछ में कुछ दिन पहले ही दो जवान शहीद हो गए थे। इससे पहले बीते सोमवार को एक जेसीओ और चार अन्य सैनिक शहीद हो गए थे। सुरक्षा बलों ने इस साल अब तक आतंकवादी तंजीमों से जुड़े 114 दहशतगर्दों को मौत के घाट उतारा है।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें