जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले में आतंकवादियों के साथ में मुठभेड़ में सेना के एक अधिकारी और 4 जवान शहीद हो गए। मुठभेड़ तब हुई जब सेना आतंकवाद विरोधी अभियान चला रही थी। इसी दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी और फिर जवानों ने भी जवाबी गोलीबारी की। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ जारी है।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने संवाददाताओं को बताया कि सेना को आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिलने के बाद सोमवार तड़के सुरनकोट में एक गांव में अभियान शुरू किया गया।
छिपे हुए आतंकवादियों ने तलाशी दलों पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी। इस कारण एक जूनियर कमीशंड अधिकारी यानी जेसीओ और चार अन्य सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में उनकी मौत हो गई।
अधिकारियों ने कहा कि नियंत्रण रेखा यानी एलओसी के पार से घुसने में कामयाब होने के बाद चमरेर जंगल में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह की मौजूदगी के बारे में ख़बरें थीं।
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के भागने के सभी रास्तों को बंद करने के लिए इलाक़े में सुरक्षा बलों को भेजा गया है। ख़बर है कि एक आतंकवादी भी मारा गया है, हालाँकि इसकी अभी तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले, एक आतंकवादी अनंतनाग में और दूसरा कश्मीर के बांदीपोरा जिले में मारा गया था।
बता दें कि हाल के दिनों में उरी हमले की पाँचवीं बरसी पर 18 सितंबर को जम्मू कश्मीर में सीमा पार से बड़ी घुसपैठ हुई थी। कहा गया कि हाल के वर्षों में आतंकवादियों का यह सबसे बड़ा घुसपैठ का प्रयास है। 2016 में उस दो आत्मघाती हमलों में 19 जवान शहीद हुए थे। उस हमले के बाद भारत ने सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक की थी और कई आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया था।
इस साल 18 सितंबर को घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों में से एक को पकड़ा गया था। इस पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी का सेना ने एक वीडियो जारी किया था। उस वीडियो में आतंकवादी यह कबूल करता सुना जा सकता है कि उसे आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा द्वारा प्रशिक्षण दिया गया था। कुल छह आतंकवादियों ने घुसने की कोशिश की थी। सेना द्वारा गोलीबारी किए जाने के बाद 4 वापस पाकिस्तान में चले गए थे जबकि दो भारत में दाखिल हो गए थे। इन दोनों में एक आतंकवादी मारा गया था और एक पकड़ा गया था।
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