loader

कश्मीर: आतंकवादियों ने किया ग्रेनेड हमला, 1 की मौत, 15 घायल

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने से बौखलाये आतंकवादी लगातार घाटी का माहौल ख़राब करने में जुटे हैं। आतंकवादियों ने सोमवार को एक बार फिर सुरक्षा बलों को निशाना बनाया है। घाटी में पिछले कुछ दिनों में आतंकवादियों ने बाहर से आये मजदूरों, ट्रक ड्राइवरों की भी हत्या की है। 

आतंकवादियों ने सोमवार को श्रीनगर में सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड से हमला किया, जिसमें 15 लोग घायल हो गए हैं। पिछले 15 दिनों में सुरक्षा बलों पर यह दूसरा हमला है। कुछ दिन पहले सोपोर में एक बस स्टैंड पर आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंका था जिसमें 20 लोग घायल हो गये थे। 

ताज़ा ख़बरें

5 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड से हमला कर दिया था। इसमें 10 लोग घायल हो गए थे। यह हमला अनंतनाग के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर हुआ था। इससे पहले 28 सितंबर को आतंकवादियों ने श्रीनगर में सीआरपीएफ़ के सुरक्षा कर्मियों पर बम फेंका था। 

पिछले ही महीने दक्षिण कश्मीर के शोपियाँ में आतंकवादियों ने 3 निहत्थे पुलिस वालों को गाड़ी से उतारकर मार डाला था। मारे जाने वालों में हेड कांस्टेबल मुश्ताक अहमद, कांस्टेबल निसार अहमद और कांस्टेबल शबीर अहमद शामिल थे। 

जम्मू-कश्मीर से और ख़बरें
इसके अलावा आतंकवादी ग़ैर कश्मीरियों को भी निशाना बना रहे हैं। 29 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने 5 ग़ैर कश्मीरी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह घटना उस दिन हुई थी जब यूरोपीय सांसदों का 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आया था।  पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में ग़ैर-कश्मीरियों पर पाँच हमले हो चुके हैं जिनमें 11 लोग मारे गए हैं और दो घायल हुए हैं। 
सम्बंधित खबरें
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये हुए लगभग तीन महीने का वक़्त हो चुका है लेकिन इन आतंकवादी घटनाओं को देखकर कहा जा सकता है कि अभी तक घाटी में हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। कुछ दिनों पहले ख़बरें आई थीं कि केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ कश्मीर में कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतरे थे और उन्होंने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की थी और सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया था। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें