क्या शराब व्यापारी विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत भेज दिया जाएगा? क्या वह भारत की अदालतों में 9,000 करोड़ रुपए के मनी लांड्रिंग केस का सामना करेंगे?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने प्रत्यर्पण के ख़िलाफ़ उनकी अपील खारिज कर दी है।अब यह मामला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाएगा और वह प्रत्यर्पण पर अंतिम फ़ैसला लेंगी।
लंदन के रॉयल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में लॉर्ड जस्टिस स्टीफ़न इर्विन और जस्टिस एलिज़ाबेथ लाइंग के खंडपीठ ने इस पर सोमवार को फ़ैसला सुनाया। इस फ़ैसले में उन्होंने कहा, 'कम से कम सात ऐसे मामले हैं, जो भारत में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इनवेस्टीगेशन और एनफ़ोर्समेंट डाइरेक्टरेट की ओर से दायर मामलों में भी शामिल हैं।' उनके कहने का मतलब यह है कि इन मामलों की सुनवाई भारत में होनी चाहिए।
विजय माल्या फ़िलहाल 6,50,000 ब्रिटिश पाउंड की ज़मानत पर हैं। वह लंदन में रहते हैं। भारत में उन पर आरोप है कि उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और दूसरे बैंकों के 9000 करोड़ रुपए कर्ज़ लेकर नहीं चुकाए, पैसे को दूसरी जगह निवेश किया, ग़लत तरीके से कंपनियों से निकाल लिया और ग़ैरक़ानूनी तरीके से विदेश भेज दिया।
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