loader

20 लाख करोड़ के पैकेज में सूक्ष्म-लघु-मझोले उद्यमों को क्या मिला?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म, मझोले व लघु उद्यमों के लिए कई अहम रियायतों का एलान किया है। 
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि कोलैटरिल रहित क़र्ज़ इन उद्यमों को मिलेगा। इसके लिए सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस कर्ज के लिए उद्यमों को किसी तरह का कोलैटरल नहीं देना होगा, किसी गारंटी की भी ज़रूरत नहीं होगी। 
  • इस स्कीम के तहत लिए गए क़र्ज़ का भुगतान एक साल तक नहीं करने की छूट होगी। 

  • सरकार ने एलान किया कि जो उद्यम बेहतर कामकाज कर एमएसएमई की तय परिभाषा से आगे निकल जाएंगे, उन्हें उसके बाद भी उसका फ़ायदा मिलता रहेगा। 
  • पहले सूक्ष्म उद्यम के लिए 25 लाख रुपए के निवेश की सीमा थी। अब एक करोड़ रुपए तक के निवेश वाली कंपनियों को भी सूक्ष्म उद्यम यानी माइक्रो माना जाएगा। 
  • वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि कारोबार 5 करोड़ रुपये तक का हो जाने पर भी सूक्ष्म उद्यम का लाभ मिलता रहेगा। यह उत्पादन और सेवा, दोनों ही तरह की कंपनियों पर लागू होगा। 
  • लघु उद्यम में वे सारी कंपनियाँ आएंगी जिनमें 50 करोड़ रुपए तक का निवेश किया जाएगा।
  • मझोले उद्यम में वे कंपनियाँ आएंगी, जिनमें 100 करोड़ रुपए तक का निवेश होगा। 
  • दो सौ करोड़ रुपए तक के काम के लिए अंतरराष्ट्रीय ठेके की ज़रूरत नहीं होगी। यह स्थानीय ठेके से ही हो सकेगा। 
  • एमएसएमई को ई-मार्केट की सुविधा मिलेगी। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इन कंपनियों को यह सुविधा मिले। 
  • एमएसएमई को अब तक व्यापार मेले में पहुँच नहीं हो सकती थी। अब सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उन्हें यह सुविधा मिले। 
  • सरकार या सरकारी कंपनियों के पास इन कंपनियों का जो भी बकाया होगा, अगले 45 दिनों में सरकार उसका भुगतान करेगी या करवा देगी। 
  • एमएसएमई क्षेत्र के जिन कर्मचारियों का वेतन मासिक 15,000 रुपए तक है, उनका पीएफ़ का हिस्सा सरकार जमा कराएगा। 
  • सरकार कुल मिला कर 2,500 करोड़ रुपए का पीएफ़ अशंदान जमा कराएगी। इससे 3,67,000 ईकाइयों को फ़ायदा होगा। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें