loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
57
एनडीए
23
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
230
एमवीए
51
अन्य
7

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

आगे

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

पीछे

सीएनबीसी आवाज़ को झटका, मार्केट एंकर पर रोक!

सोलहवीं सालगिरह के मौके पर बिज़नेस चैनल सीएनबीसी आवाज़ के लिए एक बुरी ख़बर है। सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (सेबी) ने चैनल के कार्यक्रम स्टॉक 20-20 के को-होस्ट और चैनल के स्टॉक्स एडिटर हेमंत घई पर रोक लगा दी है, वे शेयर बाज़ार में किसी तरह का काम नहीं कर सकते।

घई के साथ ही उनकी पत्नी और माँ को भी ऐसा ही आदेश दिया गया है। सेबी के मुताबिक़, जनवरी 2019 से मई 2020 के बीच शेयर बाज़ार में इन दोनों ने जो सौदे किए और उसी वक़्त सीएनबीसी आवाज़ चैनल पर हेमंत घई ने जो निवेश सलाह दी, उनके बीच भारी सामंजस्य पाया गया है। 

ख़ास ख़बरें

जाँच जारी

इस मामले की जाँच अभी चल रही है। लेकिन जितनी जानकारी सामने आ चुकी है उसके आधार पर सेबी ने बुधवार को एक अंतरिम आदेश देकर इन तीनों के शेयर बाज़ार में काम करने पर रोक लगा दी है। सेबी की पूर्णकालिक सदस्य माधवी पुरी बुच के हस्ताक्षर से एक अंतरिम आदेश बाज़ार बंद होने के कुछ ही देर बाद आया। सीएनबीसी आवाज़ ने देर शाम ट्वीट करके हेमंत घई को बर्खास्त करने का एलान भी कर दिया है। बुधवार 13 जनवरी को ही चैनल की सोलहवीं सालगिरह थी। 

सेबी के आदेश में हेमंत घई को अपना पक्ष रखने के लिए 21 दिन का वक़्त दिया गया है, लेकिन इससे पहले उनके परिवार के सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। उन्हें एक एस्क्रो अकाउंट में लगभग 2.95 करोड़ रुपए जमा करवाने होंगे।

यह वह रकम है जो सेबी के मुताबिक़ इन लोगों ने चैनल पर सलाह देकर और बाज़ार में शेयर ख़रीद- बेचकर कमाई है। तीस पेज के ऑर्डर में बहुत बारीकी से समझाया गया है कि चैनल के इस कार्यक्रम के सहारे बाज़ार में खेल कैसे चल रहा था। 

आरोप क्या हैं?

इसमें हेमंत घई की पत्नी जया हेमंत घई और उनकी माता श्याम मोहिनी घई के ब्रोकिंग एकाउंट का ब्योरा दिया गया है और दिखाया गया है कि कैसे एक दिन इन खातों में शेयर खरीदा जाता था, अगले दिन सुबह सात बीस पर आने वाले स्टॉक ट्वेंटी ट्वेंटी कार्यक्रम में हेमंत घई उस शेयर को खरीदने की सलाह देते थे और सवा नौ बजे बाज़ार खुलते ही वे शेयर इन दोनों खातों से या जिस खाते में खरीदा गया हो उसमें से बेच दिया जाता था। इसी तरह के सौदों का हिसाब जोड़कर सेबी ने 2.95 करोड़ रुपए से कुछ ज़्यादा की रकम का हिसाब लगाया है, जो उसके अनुसार इन लोगों ने इस गोरखधंधे से कमाई।

ये सारे सौदे मोतीलाल ओसवाल सिक्यूरिटीज़ के एक फ्रैंचाइजी के जरिए हो रहे थे, जिसका दफ़्तर गुजरात के मेहसाना में है। सेबी ने उससे भी पूछताछ की है और नतीज़ा निकाला है कि उसके अधिकारी और कर्मचारी इन सौदों के बारे में सही जानकारी नहीं दे रहे हैं।

उनका कहना था कि इन सौदों के ऑर्डर ये महिलाएं खुद उनके दफ़्तर आकर देती थीं, जबकि इन दोनों का पता मेहसाणा से 600 किलोमीटर दूर मुंबई का है। हर दूसरे-तीसरे दिन ऑर्डर देने के लिए इतना लंबा सफर करने का तुक नहीं है।

SEBI bans CNBC Awaz market anchor hemant ghai - Satya Hindi

माँ-पत्नी के खातों से ट्रेडिंग

दोनों महिलाओं के कॉल रिकॉर्ड भी उनकी लोकेशन मुंबई की ही दिखाते हैं, जबकि दूसरी तरफ हेमंत घई और इस ब्रोकरेज के दो कर्मचारी या अधिकारियों के बीच टेलिफोन कॉल के रिकॉर्ड मिलते हैं। सेबी ने नतीजा निकाला है कि दोनों महिलाओं का अपराध यही है कि उन्होंने अपने ट्रेडिंग खाते हेमंत घई को सौंप रखे थे और बाकी सारा काम हेमंत ने खुद ही किया है।

सेबी का आदेश कहता है कि यह जाँच सीएनबीसी आवाज़ के कार्यक्रम स्टॉक 20-20 पर है जिसके एक सह प्रस्तुतकर्ता हेमंत घई थे। सेबी ने चैनल को भी निर्देश दिया है कि हेमंत घई जो कार्यक्रम पेश करते थे उनके दर्शकों को बताया जाए कि सेबी ने उनके ख़िलाफ़ एक अंतरिम आदेश जारी किया है। 

चैनल ने देर शाम घई को बर्खास्त करने का ट्वीट किया और उसके साथ ही बताया कि बर्ख़ास्तगी की वजह सेबी का आदेश है, जिसमें उसे सेबी के नियमों के उल्लंघन और धांधली का दोषी पाया गया है। 

सेबी की जाँच अभी जारी है। यह पता लगना अभी बाकी है कि जाँच सिर्फ एक एंकर, एक कार्यक्रम और एक चैनल तक ही सीमित है या शेयर बाज़ार में खरीद बिक्री की सलाह देनेवाले और लोगों पर भी शिकंजा कस सकता है।

ऐसे संकेत हैं कि शेयर बाज़ार में धाँधली रोकने के लिए सेबी बड़े पैमाने पर कोई जाँच कर रहा है। इस सिलसिले में बाज़ार और प्रबंधन से जुड़े लोगों के अलावा बिज़नेस चैनलों और अख़बारों के पत्रकारों और निवेश सलाहकारों के लेनदेन की जाँच भी हो सकती है। यह अपनी तरह का पहला आदेश है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
प्रमोद सिन्हा
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें