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रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिरा, जानिए क्या है नुक़सान

डॉलर के मुक़ाबले रुपया गुरुवार को रिकॉर्ड 77.73 के स्तर पर कमजोर होकर बंद हुआ। यह पिछले दस कारोबारी सत्रों में पांचवां रिकॉर्ड कमजोर स्तर पर बंद हुआ है। घरेलू इक्विटी में नकारात्मक रुझान और विदेशी फंड के बाहर जाने के कारण ऐसा हुआ है। रुपये के कमजोर होने का मतलब है कि पहले जितना ही सामान आयात करने के लिए अधिक क़ीमत चुकानी पड़ रही है।

रुपये का कमजोर होना आज भी तब जारी रहा जब दुनिया भर के शेयर बाज़ार लुढ़के हैं। शेयर बाज़ार में यह गिरावट होना मुख्य तौर पर दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के सख़्त नीतिगत फ़ैसले के कारण बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि महंगाई को काबू करने के उन बैंकों के प्रयासों से विकास में बाधा आ सकती है और इस वजह से बाजार आशंकित हैं।

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बहरहाल, रुपया का नुक़सान आज बढ़ा। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले 10 पैसे की गिरावट के साथ 77.72 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ। हालाँकि ब्लूमबर्ग ने यह आँकड़ा 77.73 का दिया है। 

रुपये के कमजोर होने का सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर होता है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं। रुपये में कमजोरी का मतलब है कि अब देश को उतना ही सामान खरीदने के लिए ज़्यादा रुपये ख़र्च करने पड़ेंगे। आयात वाले सामान महंगे होंगे। इसमें कच्चा तेल, सोना जैसे आयात होने वाले सामान शामिल हैं। 

दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे आयात-निर्यात करते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर।

कारोबारी सत्र के दौरान रुपया दिन के निचले स्तर 77.76 के उच्च स्तर को छू गया। बुधवार को रुपया 18 पैसे की गिरावट के साथ 77.62 पर बंद हुआ था।

इससे पहले 9 मई को जब रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँचा था तब लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी को उनके पुराने भाषण याद दिलाए थे। युवा कांग्रेस के नेता श्रीनिवास बीवी ने प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने से पहले के एक भाषण को ट्वीट करते हुए तंज में लिखा था, 'ओ माई गॉड! मोदी जी किसकी आबरू गिरने के बारे में यहाँ बात कर रहे हैं?'

ऐसी ही प्रतिक्रयाएँ आज भी लोगों ने दीं।

बता दें कि गुरुवार को शेयर बाज़ार भी औंधे मुंह गिरा है। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,416.30 अंक यानी 2.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,792.23 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 430.90 अंक यानी 2.65 प्रतिशत गिरकर 15,809.40 पर बंद हुआ। स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक बुधवार को पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता थे, क्योंकि उन्होंने 1,254.64 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की।

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क़मर वहीद नक़वी
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