यदि आपने म्युचुअल फंड में निवेश कर रखा है तो आपके लिए एक अच्छी ख़बर है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने म्युचुअल फंड की कंपनियों को 50 हज़ार करोड़ रुपए देने का फ़ैसला किया है। यह पैसा उन कंपनियों का नकदी संकट दूर करने के लिए दिया जाएगा।
यह एलान ऐसे समय हुआ है, जब अमेरिकी म्युचुअल फंड फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने भारत में चलने वाली अपनी कई स्कीमों को बंद कर दिया है। कंपनी ने नकदी संकट का हवाला देते हुए 23 अप्रैल से ये स्कीमें बंद कर दीं हैं।
रिज़र्व बैंक के इस एलान को व्यापार जगत और ख़ास कर पूंजी बाज़ार का मनोबल बढ़ाने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है। समझा जाता है कि इससे उन म्युचुअल फंड कंपनियों को फ़ायदा होगा, जिन्होंने बॉन्ड वगैरह में अधिक पैसा लगा रखा है, उन्हें भुगतान करना पड़ा है और उनके पास नकद पैसे नहीं हैं।
RBI Announces ₹ 50,000 crore Special Liquidity Facility for Mutual Funds (SLF-MF)https://t.co/Kq15TPFulr
— ReserveBankOfIndia (@RBI) April 27, 2020
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आरबीआई के इस निर्णय का स्वागत किया है।
I welcome the RBI’s announcement of a Rs 50,000 crore special liquidity facility for Mutual Funds. I am glad that RBI has taken note of the concerns expressed two days ago and requesting prompt action.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 27, 2020
शेयर बाज़ार ने रिज़र्व बैंक के इस फ़ैसले का स्वागत किया है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदनशील सूचकांक सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ़्टी तेजी से ऊपर चढ़ा।
याद दिला दें कि इसके पहले केंद्र सरकार ने कोरोना और लॉकडाउन को देखते हुए 1.70 लाख करोड़ रुपए के विशेष राहत पैकेज का एलान किया था।
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