loader

रिज़र्व बैंक ने फिर की ब्याज दरों में कटौती

रिज़र्व बैंक ने साल में चौथी बार ब्याज दरों में कटौती की है। रीपो रेट में 35 अंकों की कटौती कर इसे 5.75 प्रतिशत से 5.40 प्रतिशत कर दिया गया है। रीपो रेट वह ब्याज दर होता है, जिस पर रिज़र्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को पैसे देती है। यानी अब बैंकों को कम ब्याज पर पैसे मिलेंगे। इसका नतीजा यह होगा कि बैंक अब कम ब्याज दरों पर कर्ज़ दे सकेंगे। इससे उद्योग व वाणिज्य जगत को सस्ते में कर्ज़ मिल सकेगा। 
सम्बंधित खबरें
रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पहले तीन बार ब्याज दरों में कटौती करने से वित्तीय बाज़ार पर अच्छा असर पड़ा है। इसलिए अब और कटौती की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से उम्मीद जताई कि वह विकास को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि ब्याज दरों में कटौती करने से अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। 

जीडीपी वृद्धि में कटौती

केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कटौती करने के साथ ही सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि दर में भी कटौती कर दी है। अब उसका मानना है कि जीडीपी 7 प्रतिशत नहीं, 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। ब्याज दरों में कटौती का एलान ऐसे समय हुआ है जब अर्थव्यवस्था बदहाल है। जीडीपी ही नहीं, दूसरे इंडिकेटर भी बता रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ रही है। 

निर्यात गिरने से हाल बदतर

क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऑटो सेक्टर में बुरा हाल तो है ही, निर्यात सेक्टर के भी अच्छा कामकाज नहीं करने से दिक्क़तें बढ़ी हैं। इसने यह भी कहा है कि मानसून के ख़राब होने से कृषि क्षेत्र भी बहुत अच्छा नहीं कर पाएगा। लेकिन क्रिसिल को यह उम्मीद है कि सरकार खर्च बढ़ाएगी और बुनियादी ढाँचे पर खर्च करेगी, जिससे स्थिति सुधरेगी।

ऑटो सेक्टर में बिक्री का गिरना जारी

देश की बड़ी मोटर कंपनियों ने अपनी मासिक बिक्री के आँकड़े बृहस्पतिवार को जारी किए। बिक्री में कमी लगातार नौवें महीने देखी गई और जून में भी पैसेंजर कारों और दोपहिया वाहनों की बिक्री पहले से कम रही। 

मारुति की बिक्री 1 लाख के आँकड़े को भी नहीं छू पाई, इसकी बिक्री में 33.5 प्रतिशत की कमी देखी  गई। इसी तरह महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री 15 प्रतिशत गिरी। दुपहिया वाहनों की स्थित इससे बदतर ही रही है। टीवीएस मोटर की बिक्री में 13 फ़ीसदी तो रॉयल एनफ़ील्ड की बिक्री में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें