आरबीआई ने कहा ने आज बुधवार को रेपो रेट .25 बेसिक प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा की है। आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने इस साल की पहली मौद्रिक नीति की घोषणा की। रेपो रेट वो दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक देश के तमाम बैंकों को पैसा उधार देता है। फिर बैंक उस दर को थोड़ा सा और बढ़ाकर उस पर जनता को विभिन्न लोन देते हैं। अब जब आरबीआई ने रेप रेट बढ़ाने की घोषणा की है तो इसका सीधा सा मतलब है कि जनता को बैंकों से मिलने वाला लोन महंगा हो जाएगा। अन्य ब्याज दरों पर भी असर पड़ेगा।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है। 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी की वृद्धि 6.4% पर रहेगी। इसके Q1 के साथ 7.8%, Q2 पर 6.2%, Q3 पर 6% और Q4 पर 5.8% पर रहने का अनुमान है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि 6 में से 4 सदस्यों ने मौद्रिक नीति समिति के निर्णय को पारित किया। इससे पहले दिसंबर 2022 में, रेपो दर 0.35 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 6.25% तक गई थी। 3.35% की रिवर्स रेपो दर में कोई बदलाव नहीं हुआ। यानी पिछले रेपो रेट के मुकाबले इस बार रेपो रेट कम बढ़ा है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2023-24 में महंगाई के मध्यम होने की उम्मीद है। इसके 4% लक्ष्य से ऊपर लुढ़कने की संभावना है। लेकिन भौगोलिक राजनीतिक तनाव, ग्लोबल वित्तीय बाजार में अस्थिरता, गैर तेल वस्तु की बढ़ती कीमतें और अस्थिर कच्चे तेल से लगातार अनिश्चितताओं के कारण महंगाई के बहुत कम होने की संभावना धूमिल है।
एफडी वालों को मिलेगा फायदा
एक तरफ तो रेपो रेट बढ़ने से लोन की ब्याज दरें महंगी होंगी लेकिन एफडी पर ब्याज दर बढ़ जाएगी। बैंक बहुत जल्द बैंक जमा दरों में बढ़ोतरी के मामले में ग्राहकों को लाभ देना शुरू कर देंगे। इस समय एसबीआई, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और कोटक बैंक, 3% से 6.35% की सीमा में ब्याज दर दे रहे हैं। 2 साल के लिए एसबीआई एफडी की ब्याज दर 6.75%, एक्सिस बैंक एफडी 7.26%, एचडीएफसी बैंक एफडी 7%, आईसीआईसीआई बैंक एफडी 7% और कोटक बैंक एफडी 6.75% है। हालांकि, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और इंडसइंड बैंक 2 साल की एफडी के लिए 7.5% की ब्याज दर दे रहे हैं।
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