देश के ख़राब आर्थिक हालात के बीच जब नौकरियां जाने और उद्योग-धंधों के बंद होने की ख़बरें आ रही हों और ऐसे में मोबाइल पर बात करने के लिए और ज़्यादा पैसे ख़र्च करने की ख़बर निश्चित रूप से बेहद तकलीफ़देह है। भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों वोडाफ़ोन-आइडिया, एयरटेल और जियो ने मोबाइल टैरिफ़ की दरों में बढ़ोतरी करने का एलान किया है। रविवार को पेश किए गए नए प्लान्स में इन टेलीकॉम कंपनियों ने कॉल दरों के साथ इंटरनेट का डाटा चार्ज भी बढ़ा दिया है। वोडाफ़ोन-आइडिया और एयरटेल की बढ़ी दरें 3 दिसंबर से लागू होंगी जबकि रिलायंस जियो ने 6 दिसंबर से दरों में बढ़ोतरी का एलान किया है। इन सभी कंपनियों के मोबाइल टैरिफ़ प्लान 40-50% तक महंगे हो जाएंगे।
वोडाफ़ोन-आइडिया ने प्रीपेड सेवाओं के लिए 2, 28, 84 और 365 दिन वैधता वाले नए प्लान जारी किए हैं, जो पुराने प्लान से 50% तक महंगे हैं। भारती एयरटेल का मोबाइल टैरिफ़ 50 पैसे से 2.85 रुपये प्रतिदिन तक महंगा हो गया है। दोनों ही कंपनियों ने कहा है कि उसके उपभोक्ताओं को सेवाओं से जुड़े रहने के लिए 49 रुपये प्रति महीना देना होगा।
वोडाफ़ोन-आइडिया की तरह ही भारती एयरटेल ने भी एक ऑपरेटर और दूसरे ऑपरेटर के लिए बात करने की दरों में बढ़ोतरी की है। इन कंपनियों के नए प्लान के मुताबिक़, 28 दिनों की वैधता वाले प्लान में 1,000 मिनट, 84 दिनों की वैधता वाले प्लान में 3,000 मिनट और 365 दिनों की वैधता वाले प्लान में 12,000 मिनट तक एक ऑपरेटर के नेटवर्क से दूसरे ऑपरेटर के नेटवर्क पर कॉल की जा सकती है। इस सीमा के बाद ग्राहकों को आउटगोइंग कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट का भुगतान करना होगा।
84 दिन वाला प्लान जिसमें 1.5 जीबी डेटा प्रतिदिन और अनिलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा मिलती थी, अब 31 फ़ीसदी महंगा हो गया है। पहले इसके लिए 458 रुपये देने होते थे और अब 598 रुपये देने होंगे। वोडाफ़ोन-आइडिया का जो प्लान पहले 999 रुपये का था वह अब 1499 रुपये का हो गया है।
इसके अलावा इन कंपनियों ने 199 रुपये वाले अनलिमिटेड प्लान में जिसमें 1.5 जीबी डेटा हर दिन मिलता था, उसके दाम में 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की है और अब यह प्लान बढ़कर 248 रुपये का हो गया है।
जियो की ओर से कहा गया है कि उसकी कॉलिंग और इंटरनेट डाटा वाले प्लान 40 फ़ीसदी तक महंगे होंगे। मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली जियो ने कहा है कि हालांकि उसके उपभोक्ताओं को नए प्लान्स से 300 फ़ीसदी का फ़ायदा होगा और वह आउटगोइंग कॉल के लिए फ़ेयर यूसेज पॉलिसी को लागू करेगा। कंपनी ने इस पॉलिसी के तहत दूसरे ऑपरेटरों पर की जाने वाली कॉल की सीमा निर्धारित कर दी है।
टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनियों को नुक़सान भी उठाना पड़ रहा था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कंपनियों पर अतिरिक्त भार पड़ा है और इसलिए ही प्राइवेट सेक्टर के सभी टेलीकॉम ऑपरेटर मोबाइल टैरिफ़ की दरों में इजाफ़ा कर रहे हैं।
यहां बताना ज़रूरी होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर को एक फ़ैसले में कहा था कि टेलीकॉम सेक्टर की सभी कंपनियों को कुल मिलाकर 1.33 लाख करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना होगा। इसमें एयरटेल और वोडाफ़ोन-आइडिया को बहुत मोटी रकम चुकानी है। रिलायंस जियो को अपेक्षाकृत बहुत ही कम रकम चुकानी है। यह फ़ैसला एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) को लेकर आया था। एजीआर की वजह से इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारती एयरटेल को 23,045 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है।
जियो ने कहा है कि वह दूरसंचार शुल्क के पुनरीक्षण के लिए सरकार के साथ बातचीत जारी रखेगी।हालांकि सरकार वर्तमान में एजीआर के आधार पर बकाया लाइसेंस शुल्क और दंड के ब्याज पर छूट या दूरसंचार कंपनियों के लिए अपने वैधानिक बकाया का भुगतान करने के लिए समयसीमा बढ़ाने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।
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