पेटीएम की मूल कंपनी वन नाइन्टीसेवन कम्युनिकेशन्स के शेयरों में निवेश करने वालों को सिर्फ दो दिन में 50 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा का नुक़सान हो गया। बहुत ही ऊँचे प्रीमियम के साथ जारी होने वाले शेयर पहले ही दिन बाज़ार में सूचीबद्ध होते समय ही बुरी तरह गिरे। लेकिन इसके अगले दिन भी यह ट्रेंड बरक़रार रहा।
पेटीएम के शेयर सोमवार को 12.04 पर बीएसई पर 1299 पर बिक रहे थे, जो पिछले सत्र से 264 रुपए नीचे थे।
बता दें कि पेटीएम डिजिटल पेमेंट की कंपनी है, यह उस समय विवादों में घिरी थी जब इसने पूरे पेज के विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तसवीर का इस्तेमाल किया था। किसी निजी कंपनी के विज्ञापन में प्रधानमंत्री की तसवीर का इस्तेमाल इसके पहले कभी नहीं हुआ था।
सर्किट ब्रेकर
बता दें कि 18 नवंबर को पेटीएम के शेयर 9 प्रतिशत के डिस्काउंट पर सूचीबद्ध हुए थे। कीमत इतनी तेजी से टूटी कि सर्किट ब्रेकर लग गया। यानी एक निश्चित कीमत से कम पर इसकी बिक्री पर रोक लग गई।
यह ट्रेंड सोमवार को बरक़रार रहा। पेटीएम के शेयर 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ 1343.70 रुपये के स्तर पर ट्रेंड करने लगे। सूचीबद्ध होने के बाद पिछले 2 दिन में पेटीएम के शेयरों में 35 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई।
दो दिनों के कारोबार में ही वन नाइन्टीसेवन कम्युनिकेशंस का मार्केट कैप 1,10,407 करोड़ रुपये पहुँच गया था। सोमवार को आई गिरावट के बाद पेटीएम का मार्केट कैप घटकर 86,000 करोड़ के स्तर पर आ गया।
पेटीएम के शेयर का इश्यू प्राइस 2,150 रुपये था। इश्यू प्राइस पर पेटीएम का मार्केट कैप 1.39 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।
इसके साथ ही कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ विजय शेखर शर्मा की कुल संपत्ति दो दिनों में 781 मिलियन डॉलर कम हो गई। कंपनी के शेयरों के खुलने के पहले शर्मा की हिस्सेदारी की कुल कीमत 2150 रुपये के इश्यू प्राइस के हिसाब से 2.3 अरब डॉलर थी। पेटीएम में विजय शेखर शर्मा की हिस्सेदारी 9.1 फीसदी है।
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