अडानी समूह के खिलाफ सेबी कोई जांच कर रहा है। मीडिया की तरफ से खबरे हैं लेकिन कोई बयान नहीं है। अब तमाम आर्थिक अखबारों ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सेबी 15 फरवरी को वित्त मंत्री को इस कथित जांच के बारे में अपडेट देगा।
अडानी समूह पर लगे तमाम आरोपों के बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेज ने अडानी की दो कंपनियों को निगरामी सिस्टम से हटा दिया है। यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। दूसरी तरफ अडानी समूह के खिलाफ सरकार एजेंसियों की जांच की खबरें मीडिया में चारों तरफ से हैं लेकिन उन एजेंसियों ने अपनी तौर पर कोई घोषणा नहीं की है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों के भाव गिरने का सिलसिला रुकता दिख रहा है तो अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की रिपोर्टों के बाद स्थिति क्यों फिर ख़राब हो जा रही है?
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई के लिए अडानी समूह ने क्या अब कमर कस ली है? जानिए अमेरिका की बेहद महंगी लॉ फर्म को हायर किए जाने की रिपोर्ट क्यों आ रही है।
अडानी समूह की कंपनियों में फ्रांस की टोटल एनर्जी कंपनी का सबसे ज्यादा निवेश है। हाल ही में दोनों कंपनियों के बीच हाइड्रोजन प्रोजेक्ट को लेकर डील हुई थी लेकिन उस पर हस्ताक्षर बाकी हैं। टोटल ने कहा है कि फिलहाल इस डील पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे हैं।
आरबीआई ने 2023-24 के लिए रेपो दर को 6.5% तक बढ़ा दिया है। वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि 6.4% पर रहेगी। लेकिन रेपो रेट बढ़ने से जनता की जेब ढीली होगी। उसे मिलने वाला हर तरह का लोन महंगा हो जाएगा।
पिछले कुछ दिनों से अडानी के जिन शेयरों में तेजी से गिरावट की वजह से निचला सर्किट लग रहा था उनमें आज ऐसा क्या हो गया कि तेजी की वजह से ऊपरी सर्किट लगने लगा?
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों के भाव गिरने का जो सिलसिला पिछले हफ़्ते शुरू हुआ था वह सोमवार को भी जारी रहा। कुछ कंपनियाँ संभली भी हैं। जानिए किस कंपनी की क्या है स्थिति।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट की ख़ास बातें क्या हैं? क्या यह चुनाव को लेकर कसरत भर है? जानिए, उद्योगपतियों और अमीरों और अन्य वर्गों के लिए क्या है इसमें।
अडानी समूह विवाद के मामले में अब क्या ख़बर की जगह बयान परोसे जा रहे हैं? जानिए, एसबीआई ने जो अडानी समूह को 27,000 करोड़ रुपये दिए हैं उसको लेकर क्यों सवाल उठ रहे हैं।
अडानी समूह के शेयर में आए उथल-पुथल से क्या भारतीय बैंकों के लिए कोई बड़ा जोखिम है? आख़िर यह सवाल क्यों उठ रहा है? जानिए इसके बारे में आरबीआई ने क्या कहा।
अडानी समूह पर छाए संकट की वजह से एसबीआई सहित तमाम सरकारी बैंकों और एलसीआई को लेकर एक तरफ सवाल उठ रहे हैं तो दूसरी तरफ वित्त मंत्री, पूर्व वित्त सचिव ने शुक्रवार को देश को भरोसा दिया कि चिन्ता की कोई बात नहीं है।
एसबीआई ने 21000 करोड़ और पंजाब नेशनल बैंक ने अडानी समूह की कंपनियों को 7000 करोड़ का लोन दे रखा है। अडानी समूह इस समय संकट में है। शेयर मार्केट में उसकी कंपनियां डूब रही हैं। ऐसे में सवाल उठ खड़ा हुआ है कि कहीं सरकारी बैंकों के लोन पर तो कोई खतरा नहीं है, अगर ऐसा हुआ तो सरकारी बैंक डूब सकते हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद विवादों में आए अडानी समूह के शेयरों का गिरना आज भी जारी रहा और अब तक इनकी क़ीमत क़रीब आधी रह गई है। जानिए, शेयर बाज़ार में कैसी है स्थिति।