वैश्विक आर्थिक मंदी की आहट के बीच दुनिया की अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब रहने वाली है। हालाँकि दो देशों की अर्थव्यवस्था उम्मीद की किरण की तरह हैं। जानिए, भारत में क्या हालात होंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज गुरुवार 6 अप्रैल को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी, जिन्होंने लोन ले रखा था और उनकी ईएमआई अब नहीं बढ़ेगी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के बीच जिस भारतीय अर्थव्यवस्था को उम्मीद की किरण बताया जा रहा था, आख़िर उसकी वृद्धि दर का अनुमान लगातार कम क्यों होता जा रहा है?
अमेरिका सहित दुनिया भर में आर्थिक मंदी की आहट और कई कंपनियों में छँटनी के बीच अब मैकडॉनल्ड्स में ऐसी ही तैयारी है। जानिए, अमेरिका में इसके सभी कार्यालय अस्थायी तौर पर बंद क्यों किए गए।
NPCI की रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई के जरिए होने वाला लगभग 70 फीसदी पीयर टू मर्चेंट ट्रांजेक्शन 2,000 रुपये से अधिक मूल्य का होता है, ऐसे में इन पर 0.5 से लगभग 1.1 फीसदी का इंटरचेंज चार्ज लगाने की तैयारी है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने पैन को आधार से जोड़ना ज़रूरी क्यों किया है? क्या इससे कर चोरी पूरी तरह रुक जाएगी? जानिए, आख़िरी तारीख को कब तक बढ़ाया गया।
पिछली कई बार से जहाँ ईपीएफ़ओ कर्मचारियों की जमा निधि पर ब्याज दर घटाता रहा था वहीं इस बार मामूली बढ़ोतरी की गई है। जानिए, कर्मचारियों को कितना फायदा होगा।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक और धमाका किया है। इस बार अडानी समूह को लेकर नहीं, बल्कि ट्विटर के पूर्व सह संस्थापक रहे जैक डोर्सी की फर्म ब्लॉक इंक को लेकर। जानिए क्या हुआ असर।
क्रेडिट स्विस बैंक का डूबना क्या भारत के लिए सिलिकॉन वैली बैंक के मुक़ाबले काफी बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है? जानिए, भारतीय बैंकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
अमेरिका में दो दिनों के अंदर दूसरे बैंक एसवीबी (सिलिकॉन वैली बैंक) के डूबने से दुनियाभर में हाहाकार मच गया है। लेकिन इसे दुनिया में आने वाली आर्थिक तबाही के रूप में भी देखा जा रहा है। भारत तक इसकी आंच महसूस की जा रही है। आपके लिए यह खबर जानना जरूरी है।
जी 20 यानी 19 देशों और यूरोपीय संघ को मिलाकर बने इस संगठन के इतिहास में सत्रह साल बाद भारत को इसकी मेजबानी का मौका क्यों मिला। इतने साल आख़िर क्यों लग गए?
समिति के सदस्यों के रूप में
ओपी भट, रिटायर्ड जस्टिस जेपी देवदत्त, नंदन नीलाकेनी, केवी
कामथ, सोमशेखरन सुंदरेसन शामिल हैं। सुप्रीम
कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस न्यायमूर्ति एएम सप्रे इस समिति के अध्यक्ष होंगे।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से संकेत मिलता है कि आर्थिक विकास उम्मीद से धीमा रहा है। वैश्विक आर्थिक स्थिति तनावपूर्ण है जो आगे चलकर विकास की गति पर चिंताएं बढ़ा सकता है।