पिछले कुछ महीनों से जिस तरह से आर्थिक मंदी के आने की संभावना और फिर उस संकट से उबर जाने की उम्मीद जताई गई थी, इसी बीच अब यूरोज़ोन के आर्थिक मंदी में जाने की रिपोर्ट आ गई है। जानें यूरोज़ोन का स्वास्थ्य कैसा है।
रिजर्व बैंक ने आज मौद्रिक नीति जारी कर दी है। उसने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। महंगाई में मामूली सुधार को देखते हुए आरबीआई ने लेंडिंग रेट नहीं बढ़ाया है।
2000 रुपये के नोटों को आरबीआई द्वारा वापस लिए जाने की घोषणा के बाद नोट बदलवाने के लिए प्रक्रिया पर संशय के बीच अब एसबीआई का एक दिशा-निर्देश सामने आया है। जानिए क्या है प्रक्रिया।
क्या अब विदेश यात्रा महंगी होने वाली है? आख़िर इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड पर 20% टैक्स लगाने को लेकर इतना संशय क्यों? जानिए, अब वित्त मंत्रालय ने क्यों सफ़ाई दी।
अडानी-हिंडनबर्ग के मामले में जाँच के लिए सेबी आख़िर छह महीने का समय और क्यों मांग रहा है? सेबी ने आख़िर क्या जाँच की है? जानिए, इस मामले में उसने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा।
अडानी समूह के खिलाफ जांच के लिए सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कम से कम 6 महीने का समय और मांगा है। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से 2 मई तक जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। लेकिन सेबी की ओर से कल शनिवार को एक अर्जी दायर कर और समय मांगा गया है।
रविंद्रन ने कहा कि हमने ईडी के अधिकारियों को जांच में पूरा सहयोग दिया, उन्होंने जो भी जानकारी मांगी, हमने उन्हें प्रदान की। हम कंपनी के परिचालन में पूरी ईमानदारी बरती है, और आगे भी हम इसके संचालन में नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जीरा के बाजार में पैदा हुए मांग-आपूर्ति के असंतुलन ने जीरे की कीमतों को रिकॉर्ड ऊंचाई के स्तर तक पहुंचा दिया है। इसने फसलों पर हो रहे मौसम के प्रभाव को भी सही साबित कर दिया है।
दुनिया के अमीर से अमीर देशों को भी इस वक्त भारत और चीन में संभावनाएँ क्यों दिख रही हैं? क्या वजह से कि इस मुसीबत के दौर में ये दो देश हैं जो तरक्की की दौड़ में आगे रहेंगे? लेकिन यह तरक्की टिकी रहेगी?
वैश्विक आर्थिक मंदी का असर क्या भारत पर भी काफ़ी ज़्यादा पड़ने वाला है और क्या इसके संकेत अभी से मिलने लगे हैं? जानिए, आईएमएफ़ ने क्या अनुमान लगाया है।
राहुल गांधी लगातार पूछ रहे हैं कि अडानी की कंपनियों में निवेश की गई 20 हज़ार करोड़ की रक़म आख़िर किसकी है? अडानी ने अब इसका जवाब दिया है। जानें आख़िर वे पैसे किनके हैं।