निर्मला सीतारमण अपना पहला बजट पेश करने जा रही हैं। पर उन्हें विरासत में फटेहाल अर्थवयवस्था मिली है। मोटर कार उद्योग समेत इंडिकेटर बता रहे हैं अर्थव्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
पहले से ही कई गड़बड़ियों के आरोप झेल रहा अनिल अंबानी का रिलायंस समूह अब कोयला आयात की गड़बड़ियों में फँसता दिख रहा है। आरोप है कि आयातित कोयले की क़ीमत को बढ़ाचढ़ाकर दिखाया गया।
ओसाका में होने वाली जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले नरेंद्र मोदी और डोनल्ड ट्रंप के बीच हुई बातचीत में आपसी व्यापारिक असहमतियों को दूर करने पर दोनों देशों में सहमति बन गई है।
दिसंबर 2018 में गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफ़े ने जहाँ सबको चौंका दिया था अब डेप्युटी गवर्नर विरल आचार्य के इस्तीफ़े ने नया धमाका कर दिया है। कार्यकाल पूरा होने से पहले क्यों दिया इस्तीफ़ा, क्या कोई दबाव था?
जीडीपी के आँकड़े ‘बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने’ के मामले में अब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद और अरविंद सुब्रमण्यन आमने-सामने आ गये हैं। ऐसे में अब सही किसे माना जाए?
अब शोध में दावा किया गया है कि जीडीपी के आँकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया। यह शोध किसी और ने नहीं, बल्कि पिछली नरेंद्र मोदी सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट, यानी जिस ब्याज दर पर वह बैंको को पैसे देता है, उसमें कटौती करने का फ़ैसला किया है। इससे बैंकों का ब्याज सस्ता हो सकता है और आपका ईएमआई कम हो सकता है।
नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज संभालते ही अर्थव्यवस्था से जुड़ी बुरी खबरें आने लगी हैं। दरअसल, पिछली सरकार ने जिन आँकड़ों को छिपा रखा था, वे अब सामने आ रहे हैं।
अमेरिका ने भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ़ प्रीफ़रेसेंज से बाहर कर दिया है, जिससे विकासशील देशों को मिलने वाली सुविधाएँ अब भारत को नहीं मिलेंगी। भारत से होने वाले 5.60 अरब डॉलर का निर्यात बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
भारत सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था अब नहीं रही। चीन ने इसे पछाड़ दिया है। लंबे समय तक दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ने के बाद चीन की रफ़्तार कम हुई थी और वह भारत से पिछड़ गया था। पर भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्त हो गई है।