विकास दर से जुड़े तमाम आँकड़े बताते हैं कि स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, पर गौर करने पर यह तसवीर सामने आती है कि स्थिति उतनी बुरी भी नहीं है, जितनी लोग समझ रहे हैं।
केंद्र सरकार की एजेंसी सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफ़िस ने कहा है कि जीडीपी वृद्धि दर इस साल 5 प्रतिशत रहेगी, यानी सरकार मान रही है कि अर्थव्यवस्था ठीक नहीं है।
ईरानी कमान्डर कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत से पहले से बदहाल भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक और चोट पड़ेगी, यह तय है। यह संकट बजट के ठीक पहले आ रहा है।
और सबको उम्मीद थी कि बजट आएगा और कमाल शुरू हो जाएगा। बजट आया लेकिन वैसा नहीं आया जैसी उम्मीद थी, तो जो अरमान लगाए बैठे थे उनके दिल टूट गए। अब क्या हालत सुधरेगी?
2-जी पर घोटाले का हल्ला मचाकर सरकार में आयी भारतीय जनता पार्टी की सरकार 5-जी को मुफ़्त में ट्रायल के लिए देने को तैयार है। संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसका एलान किया।
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे आन्दोलन ने पंजाब की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है। वहाँ बड़े उद्योगपति ही नहीं छोटे और मझोले व्यापारी तक इसकी चपेट में आ गए हैं।
रतन टाटा का दाँव उलटा पड़ गया है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल या एनसीएलएटी (एनक्लैट) ने साइरस मिस्त्री को दोबारा टाटा संस का चेयरमैन बनाने का फ़ैसला सुना दिया है।
हाल ही में कर उगाही कम होने के बावजूद अर्थव्यवस्था में जान फूँकने के लिए बड़े व्यवसायी घरानों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की गई थी, लेकिन अब उसी कर उगाही को बढ़ाने के लिए सरकार अफ़सरों को टारगेट दे रही है।
ऐसे समय जब सरकार बार-बार कह रही है कि अर्थव्यवस्था में कुछ भी गड़बड़ नही है, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इससे जुड़ा थोक मूल्य सूचकांक नवंबर में 11.1 प्रतिशत बढ़ गया। यह पिछले 71 महीने के उच्चतम स्तर पर है।
पहले प्याज और अब दूध की कीमतें बढ़ने से सवाल उठता है कि क्या उपभोक्ता खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, जो बदतर आर्थिक स्थिति के लिए चिंता की बात है?