भारत की पहले से ख़राब अर्थव्यवस्था में दुनिया की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ कोरोना वायरस का भी असर होना है और यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि क्या कुछ हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित किया, इसके बाद एक दिन में बंबई शेयर बाज़ार के निवेशकों को 9 लाख करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ।
क्या यह सिर्फ़ संयोग है कि यस बैंक से पैसे निकालने की अधिकतम सीमा 50 हज़ार रुपए हर महीने का एलान होने के ठीक एक दिन पहले किसी ने अपने खाते से 265 करोड़ रुपए एक बार में ही निकाल लिए?
छह महीने में तीन बैंक या वित्तीय कंपनियों का भट्ठा बैठ चुका है। डूब चुके पैसे वाली अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने की कोई योजना केंद्र सरकार के पास नहीं है।
यस बैंक को बचाने के लिए स्कीम एक महीने के अंदर पेश करेगा रिज़र्व बैंक। इसके पहले ही उसने जमाकर्ताओं के महीने भर में 50 हज़ार रुपये तक निकालने की सीमा लगा दी है।